विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ ने ख्यातिनाम साहित्यकार व शिक्षक डॉ. अनंग मोहन मुखर्जी को दिया विद्या वाचस्पति सारस्वत सम्मान

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Mustafa Ansari

रांची :  बहुमुखी प्रतिभा के धनी राजधानी रांची के बरियातू निवासी ख्यातिनाम साहित्यकार एवं शिक्षक डॉ. अनंग मोहन मुखर्जी को उनकी साहित्यिक उपलब्धियों का मूल्यांकन करते हुए विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ भागलपुर बिहार ने उन्हें 15 अगस्त (दिन गुरुवार) को विद्यावाचस्पति सारस्वत सम्मान से सम्मानित किया है।
ध्यातव्य हो कि शिक्षक अनंग मोहन मुखर्जी को यह सम्मान उनके द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यो व लघु शोध एवं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लिखे गए उनके रचनाओं के लिए प्रदान किया गया है। इसके पूर्व मुखर्जी को कविता के लिए रविंद्र रत्न पुरस्कार व अंतर्राष्ट्रीय साहित्य लेखन के लिए इंडो स्पेनिश पुरस्कार एवं इंडियन लिटरेचर एंड आर्ट्श सोसाइटी ने उन्हें कहानी संकलन के लिए पुरस्कृत किया है। और लघु शोध नागार्जुन के साहित्य में मजदूर किसान पर डॉक्टरेट की उपाधि दी गई है। इसके अलावे विभिन्न संस्थाओं व सरकारी विभाग द्वारा लगभग दर्जनों सम्मान प्रदान किए जा चुके हैं। बताते चलें कि आनंग मोहन मुखर्जी वर्तमान समय में संत मदर टेरेसा उच्च विद्यालय नेवरी विकास में शिक्षक (अध्यापक) पद पर कार्य करते हुए 150 कहानियां 300 से अधिक कविताओं का प्रकाशन कर चुके हैं। तथा आकाशवाणी रांची से प्रसारित भी हुई है। और निरंतर अपनी लेखनी को जारी रखे हुए हैं। श्री मुखर्जी ने अपनी लेखनी से देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी जाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। गौरतलब है कि विद्या वाचस्पति सारस्वत सम्मान की उपाधि डॉक्टरेट के समकक्ष मानी गई है। इस उपलब्धि पर संत मदर टेरेसा उच्च विद्यालय व केराली पब्लिक स्कूल प्रमुख रामेश्वर ठाकुर,सचिव सरिता देवी,सहकर्मी शिक्षक शिक्षिकाएं समेत ईस्ट मित्र एवं समस्त साहित्यकार जगत ने बधाई दी। 

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