15 जून तक पहलवान नहीं करेंगे प्रदर्शन, अनुराग ठाकुर के सामने रखी कई मांगे

Ek Sandesh Live

बीते 23 अप्रैल से दिल्ली में देश के पहलवान बीजेपी सांसद और कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलन के दौरान पहलवानों ने जंतर-मंतर में धरना दिया,अपने मेडल बहाने गंगा जी भी गए. अंतत: बीते कल 7 जून को पहलवान बजरंग पूनिया,साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और किसान नेता राकेश टिकैत केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मिलने उनके आवास पहुंचे. यह मुलाकात काफी लंबी चली, जिसके बाद पहलवानों ने अपना आंदोलन कुछ दिनों के लिए स्थगित करने का फैसला लिया है. साथ ही पहलवानों ने आंदोलन और धरना को स्थगित करने के लिए अनुराग ठाकुर के सामने कई मांगें भी रखी हैं.

रिपोर्ट्स के मुताबिक अनुराग ठाकुर ने पहलवानों के साथ मुलाकात के बाद कहा कि- खिलाड़ी चाहते हैं कि 15 जून तक चार्जशीट दायर हो जाए तब तक वो कोई प्रदर्शन नहीं करेंगे. सारी बातें आम सहमति से हुई हैं.खुले मन के साथ सभी विषयों पर गंभीरता से बातचीत की है.

बैठक में पहलवानों ने और भी कई मांगे रखी हैं-

-बृजभूषण शरण सिंह पर जो आरोप लगाए गए हैं, 15 जून तक उनकी जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल की जाए.

– आगामी 30 जून तक रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का चुनाव किया जाए.

-पहलवानों के शिकायत हेतु इंटरनेशनल कंम्पलेंट कमेटी रेसलिंग फेडरेशन का गठन किया जाए.

-सबसे जरुरी मांग यह रही कि कमेटी की अध्यक्षता किसी महिला को दी जाए.

-चुनाव के बाद रेसलिंग फेडरेशन कमेटी में दो कोच को रखा जाए.

– रेसलिंग फेडरेशन के संचालन में खिलाड़ियों की भी राय ली जाए

-खिलाड़ियों की मांग यह भी है कि फेडरेशन में निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और उनसे जुड़े लोग चुनकर न आएं.

-महिला खिलाड़ियों को सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए. अखाड़ों,कोच और खिलाड़ियों के खिलाफ मुकदमें वापस लिए जाएं.

वहीं साक्षी मलिक ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि- सरकार ने जांच पूरी करने के लिए 15 जून तक का समय मांगा है. तब तक पहलवान प्रदर्शन नहीं करेंगे.

बताते चले कि 3 जून की शाम गृह मंत्री अमित शाह ने भी पहलवानों से मुलाकात की थी, जिसके बाद से ही पहलवानों ने प्रदर्शन नहीं करने का फैसला लिया था. वहीं अब साक्षी,बजरंग और विनेश ने अपनी रेलवे की ड्यूटी ज्वाइन कर ली है, लेकिन पहलवानों का कहना है कि वे ड्यूटी के साथ-साथ आंदोलन भी जारी रखेंगे.