यूनिफाइड पेंशन स्कीम के विरोध में राज्य कर्मियों ने मनाया रोष दिवस

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Eksandesh Desk

सरायकेला: शुक्रवार को NMOPS (नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम) के राष्ट्रीय कमेटी के आह्वान पर झारखंड के समस्त सरकारी कार्यालयों,विद्यालयों में कर्मचारियों ने UPS के विरोध वाले तख्ती के साथ नारेबाजी करते हुए केंद्र सरकार तक अपनी आवाज बुलंद की।

कर्मचारियों ने एक स्वर में कहा कि झारखंड की भांति पूरे देश में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू होनी चाहिए। पुरानी पेंशन व्यवस्था का कोई दूसरा विकल्प नहीं हो सकता केंद्र सरकार नई-नई पेंशन योजनाओं से कर्मचारियों को केवल भ्रमित करने का प्रयास कर रही है।

इस बाबत प्रांतीय अध्यक्ष विक्रांत कुमार सिंह ने कहा राज्य के कुछ उच्च पदस्थ पदाधिकारियों द्वारा छत्तीसगढ़ की भांति झारखंड में भी UPS लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। “जो कि एक तरफ मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के कर्मचारी हितैषी छवि धूमिल करने का प्रयास है वहीं दूसरी ओर सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालने की साजिश भी है। ऐसी किसी भी साजिश को सफल होने नहीं दिया जाएगा। एक ही कार्यालय में एक ही पद पर कार्यरत अलग-अलग कर्मचारी को अलग-अलग पेंशन योजना में रखा जाना न्यायोचित नहीं है यह भविष्य में कर्मचारियों के कार्य दक्षता को भी प्रभावित करेगा।
इस विषय पर बात करते हुए प्रांतीय महासचिव उज्जवल कुमार तिवारी ने कहा कि UPS विशुद्ध रूप से पूंजीपतियों के हित में लायी गई योजना है इसमें ना तो कर्मचारी हित है और ना ही राज्य हित.. इसे स्पष्ट रूप से समझा जा सकता है कि इस योजना में सरकार का योगदान कर्मचारी के बेसिक एवं महंगाई भत्ते के योग का 14 परसेंट से बढ़ाकर 18.5% कर दिया गया है यह पैसा शेयर बाजार के आवारा पूंजीवाद को फलित करने के लिए है। सरायकेला जिले में पूरे जिले के विभिन्न प्रखंडों में एप्स के विरोध में कार्यक्रम आयोजित किया गया।

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