14 वर्ष बाद एक बार फिर जादूगर गोगीया सरकार लोहरदगा में

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नूतन

लोहरदगा: दर्शकों को विमोहित करने में कुशल अनेकों भारतीय जादू अवार्ड के विजेता जादूगर गोगीया सरकार 14 सालो के बाद, अपने पच्चीस सहयोगियों एवं पाँच ट्रक लाव लस्कर के साथ में पधार चुके हैं। 28 सितम्बर क़ो संध्या 6:15 बजे से इनका विश्व प्रसिद्ध जादूई प्रदर्शन ओल्ड नगर में आम लोगों के मनोरंजन के लिए आरम्भ होगा। अपने शो में जादूगर गोगीया सरकार उन नये-नये खेलो का प्रदर्शन करेंगे जिसे अभी तक कही न देखा गया है और न सुना गया है। इन चमत्कारों में दर्शकों के कल्पना के पार एक से बढ़कर एक खतरनाक एवं दिल दहला देने वाली खेलों को भारतीय जादू जगत में पहली बार प्रयोग करेंगे। जादू के क्षेत्र में मील का पत्थर बने जादूगर गोगीया सरकार भारतीय जादू को विदेशी की जादू तुलना में सर्वोत्तम मानते हैं। भारतीय जादूगर पलक झपकते कबूतर मंगा सकता है। और गायव कर सकता है। देखते देखते जिन्दा लड़का मशीन से चलने वाली आरे से कट कर दो टुकड़ों में बेंट जाता है और एक-दो-तीन कहते ही पुनः उठकर दर्शको का अभिवादन कर रहा होता है। यहाँ तक की दर्शकों के बीच से उठ आई एक लड़की अचानक मंच पर आते ही हवा में तैरने लगती है। यह सब कठीन और आश्चर्यमय खेल जादूगर गोगीया सरकार के लिए सहज और आसान है अपने जादूकला साधना के कारण जादूगर गोगीया सरकार प्रेस प्रतिनिधियों से बातचीत में कहते हैं कि इस संघर्षमय जीवन में आनन्द की बात बेईमानी सी लगती है लेकिन अंधविश्वास तंत्र-मंत्र से परे वैज्ञानिक सिद्धांतों और संघर्षमय और मनोवैज्ञानिक दायरे में बांध कर जादू लोगों का स्वस्थ मनोरंजन करते हुए प्रदर्शना दर्शकों को उनकी चिन्ताओं, हताशाओं से मुक्ति दिलाने में सक्षम है, उनका जादूई यह पूछने पर कि वास्तव में जादू है क्या? के उत्तर में जादूगर गोगीया सरकार कहते हैं कि-“दरअसल जादू लगातार अभ्यास और चतुराई के बाद प्रस्तुत करने वाली एक मनोरंजक एवं ज्ञानपूर्ण कला है जादू निस्कपट मनोरंजन के लिए प्रकृति के नियमों को तोड़ती भी प्रतीत होती है जादू मनोविज्ञान के दृष्टिभ्रम पर आधारित कला है।”जादूगर गोगीया सरकार स्कूल के छात्रों के लिए भी विशेष प्रोग्राम देंगे यह बात गोगीया सरकार के व्यवस्थापक राम नारायण राम ने कहा। आगे उन्होंने कहा कि जादू जैसे मनोरंजन से बच्चों में गुणात्मक ज्ञान का विकास होता है तथा उनकी मानसिक विकृतियों में न्यूनता आती है। बच्चों के लिए जादू न केवल मनोरंजन का विषय है अपितु बुद्धि-विलास का आधार तत्व भी है।
एक सवाल के जवाब में श्री सरकार ने बताया कि अमेरिका, जापान, जर्मनी और इंग्लैंड जैसे विकसित देशों में भारतीय जादूगरों को बेहद पसन्द किया जाता है क्योंकि जादू एक प्रकार का बौद्धिक व्यायाम है जो आज के तनाव भरे जीवन में बेहद आवश्यक है। विदेशों में जादू कला के इस गुण को पहचाना गया और अधिक विकसित किया। आगे गोगीया सरकार ने कहा कि जादू शब्द का कोई प्रर्यायवाची शब्द हो ही नहीं सकता। भारतीय अध्यात्म से यह पूरी तरह संयोजित है। वे चाहते हैं कि सरकार वेद, महाभारत और रामायण कालिन पौराणिक इस कला को बचाये रखने के लिए अन्य कलाकारों की भाँति जादू कला के कलाकारों को पुस्कृत करे तभी यह कला जीवन्त रह सकती है। अन्यथा यह कला प्रोत्साहन के अभाव में विलुप्ति के कगार पर है। प्रेस प्रतिनिधियों से वातचित के अंत में जादूगर गोगीया ने कहा कि जादूगरी सिर्फ कला ही नहीं वल्कि एक साधना है जिस प्रकार एक बच्चे को अपनी माँ से अगाध प्रेम रहता है, और माँ को अपने बच्चे से उसी प्रकार जादू मेरे कलेजे का टूकड़ा है। मेरी जान है। मेरा जीवन-मरण सब कुछ जादू है। लोहरद‌गा मैं बस जानवासियों को अपना अदभूत और अनेकानेक नवीन जादूई खेलों का प्रदर्शन कर उनका प्यार पाना चाहता हूँ।