बीएयू के नये कुलपति बने डॉ सुनील चंद्र दुबे

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sunil verma

रांची: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली में सहायक महानिदेशक (पौध संरक्षण एवं बायोसेफ्टी) के पद पर कार्यरत डॉ सुनील चंद्र दुबे बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के नए कुलपति नियुक्त किए गए हैं। उनका कार्यकाल 3 वर्षों का होगा। राज्यपाल सचिवालय द्वारा बुधवार को इस आशय की अधिसूचना जारी की गई। गोरखपुर उत्तर प्रदेश में 2 फरवरी 1963 को जन्मे डॉ दुबे ने स्कूल और कॉलेज की अपनी आरंभिक शिक्षा गोरखपुर में ही प्राप्त की। उसके बाद चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर से बीएससी , एमएससी एवं पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। एक वैज्ञानिक के रूप में अपने करियर की शुरूआत उन्होंने वर्ष 1989 में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची से की। उस वर्ष यहां सहायक प्राध्यापक सह कनीय वैज्ञानिक नियुक्ति हुए, वर्ष 1998 में एसोसिएट प्रोफेसर सह वरीय वैज्ञानिक पद पर प्रोन्नत हुए और वर्ष 2006 तक बीएयू में इस पद पर कार्य किया। वर्ष 2006 में वह प्रधान वैज्ञानिक के रूप में नियुक्त होकर भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली चले गए और 2014 तक इस पद पर रहे। 2014 में वहां प्लांट क्वॉरेंटाइन विभाग के हेड नियुक्त हो गए और 7 वर्षों तक इस पद पर रहे। कुछ अरसा के लिए आईसीएआर के राष्ट्रीय पौधा अइनुवंशिकी संसाधन ब्यूरो, नई दिल्ली के कार्यकारी निदेशक भी रहे। वर्ष 2021 में सीधी भर्ती द्वारा आईसीएआर के सहायक महानिदेशक नियुक्त हुए। पौधा और कवक रोगों का प्रबंधन एवं निदान उनके शोध का प्रमुख क्षेत्र रहा है। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में कार्य करते हुए उन्हें वर्ष 1998 का यंग साइंटिस्ट अवार्ड मिला। बाद में केपीवी मेनन बेस्ट पोस्टर पेपर अवार्ड, दस्तूर मेमोरियल लेक्चर अवार्ड तथा नेशनल साइंस अकादमी फेलोशिप से भी उन्हें नवाजा गया। वह जर्नल आॅफ बायोसाइंस डिस्कवरी की सलाहकार समिति के सदस्य, इंडियन फाइटोपैथोलॉजी जर्नल के वरिष्ठ संपादक, जर्नल आॅफ माइकोलॉजी एंड प्लांट पैथोलॉजी के संपादक, प्लांट डिजीज रिसर्च जर्नल तथा एनल्स आफ प्लांट प्रोटक्शन साइंसेज के संपादक मंडल के सदस्य रह चुके हैं। डॉ दुबे इंडियन सोसाइटी आॅफ प्लांट पैथोलॉजिस्ट के अध्यक्ष, इंडियन फाइटोपैथोलॉजिकल सोसाइटी के संयुक्त सचिव तथा बीएयू जर्नल आॅफ रिसर्च के कोषाध्यक्ष के रूप में भी लंबे अरसे तक काम कर चुके हैं। वर्तमान में वह नेशनल अकैडमी आफ बायोलॉजिकल साइंसेज, तमिलनाडु इंडियन सोसाइटी आॅफ माइकोलॉजी एंड प्लांट पैथोलॉजी, उदयपुर तथा इंडियन फाइटोपैथोलॉजिकल सोसाइटी नई दिल्ली के फेलो हैं।