आजसू राजनीतिक संगठन नहीं बल्कि एक आंदोलन का प्रतीक : सुदेश महतो

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by sunil
रांची: लोकतंत्र के मालिक जनता की चुनी सरकार चुनाव से पहले उसके मतदाताओं का शिकार करने के लिए सरकारी खजानों का चारा फेक रही है। हजारों युवाओं, बेरोजगारों का यह जुटान इस बात का गवाह है कि सरकार ने वादा खिलाफी के साथ उनके सपनों को कुचला है। नीति, नीयत और विश्वसनीयता के पैमाने पर विफल इस निकम्मी सरकार को सत्ता से बेदखल करने का समय आया है। युवा इसी संकल्प के साथ हर एक कदम बढ़ाते रहें। उक्त बातें आजसू सुप्रिमों सुदेश महतों ने रविवार को युवा आजसू द्वारा रांची के प्रभात तारा मैदान में आयोजित झारखंड नवनिर्माण संकल्प सभा में कही। सभा में राज्य भर से हजारों शिक्षित बेरोजगार युवाओं ने शामिल होकर सरकार की वादाखिलाफियों का हिसाब मांगा। सुदेश कुमार महतो ने कहा कि शहीदों के सपनों का झारखंड बनाने के लिए नीति, नीयत और विश्वसनीयता की आवश्यकता है। मौजूदा सरकार इन तीनों मापदंडों पर विफल रही है। युवाओं के पास डिग्री होते हुए भी बेरोजगार है । राज्य सरकार ने युवाओं से बेरोजगारी भत्ता का वादा किया था। अगर यह अपने वादे पर काम किए होते तो आज हर युवक को 4 लाख 20 हजार रुपया मिले होते। दो हजार रुपये का चूल्हा भत्ता देंगे लेकिन अब जब चुनाव आ गया तो यह एक हजार का चुनावी भत्ता दे रहे हैं। सरकार अपने वादे अनुसार अभी तक हर महिला को दो हजार रुपए प्रति माह के दर से चूल्हा भत्ता दी होती तो अभी तक 5 वर्ष में हर महिला को एक लाख बीस हजार रुपए मिला होता। यह हजार रुपए महिला को भत्ता नहीं दे रहे हैं बल्कि हर महिला का एक लाख बीस हजार रुपए हड़प चुके हैं। इसमें शिक्षित, अशिक्षित, कुशल, अकुशल एवं हर प्रकार के कामकाजी उम्र के लोग शामिल हैं जो हर रोज घर से निकलते हैं और बिना एक रुपये कमाए वापस लौट जाते हैं। ा एक राजनीतिक दल के रूप में झारखंड के लोगों की बुनियादी जरूरतों, सामाजिक सरोकारों, आर्थिक उन्नति, राजनीतिक चेतना एवं सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए तथा उनके हक अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। झारखंड अपने निर्माण के 24वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। लंबे संघर्ष एवं रक्त रंजित आंदोलनों से गुजर कर हम सब ने अलग झारखंड राज्य तो पा लिया लेकिन शहीदों के सपने के अनुसार तथा आंदोलन में शामिल हर वर्ग के उम्मीदों के अनुकूल यह राज्य निखर नहीं पाया। आज जो राजनीतिक व्यवस्था राज्य को चला रही है उसकी प्राथमिकता राज्य निर्माण के आंदोलनकारियों के सपनों के अनुकूल नहीं है। आपने युवाओं की फौज को सड़कों पर पुलिस की गोलियां और लाठियां खाने को छोड़ दिया और अपनी कलंकित विरासत को आगे बढ़ाते हुए झारखंड के मूलवासी एवं आदिवासियों की जमीन लूटने के लिए दलालों की एक बड़ी फौज खड़ी की। उन्हें सरकारी संरक्षण देकर हजारों करोड़ रुपए की जमीन हड़पने का काम किया है। डिजिटल डैकती कर अपनी जमीन से मूल रैयत को बेदखल कर रही है सरकार। इन्होंने युवाओं, महिलाओं, किसानों सभी को ठगने का काम किया है। इधर गिरिडीह सांसद ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार चौथी बार सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम कर रही है। आज तक एक भी आवेदन का निष्पादन नहीं हुआ। अगर हुआ होता तो इन्हें चौथी बार यह कार्यक्रम करने की जरूरत नहीं पड़ती। आज यहां आए हजारों युवाओं ने इस निकम्मी सरकार को सत्ता से हटाने का संकल्प लिया उसे हम सभी मिलकर पूरा करने का काम करेंगे।