नेपाल ने भारत से 230 मेगावाट बिजली आपूर्ति का किया अनुरोध

INTERNATIONAL

Ashutosh Jha

काठमांडू : नेपाल में सूखे का मौसम शुरू होते ही औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली संकट गहराने लगा है। इसी को ध्यान में रखते हुए नेपाल सरकार ने भारत से चौबीसों घंटे 230 मेगावाट बिजली आपूर्ति करने का औपचारिक अनुरोध किया है। इस संदर्भ में नेपाल विद्युत प्राधिकरण और भारतीय विद्युत व्यापार कंपनी एनएनवीएन (NVVN) के बीच द्विपक्षीय विद्युत खरीद-बिक्री समझौता हो चुका है। नेपाल के ऊर्जा, जलस्रोत और सिंचाई मंत्रालय के प्रयास से इस संबंध में राजनयिक स्तर पर भी बातचीत हो रही है। नेपाल के विदेश मंत्री डॉ. आरजु राणा देउवा के हाल ही में भारत दौरे के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी। नेपाल सरकार इस द्विपक्षीय 230 मेगावाट समझौते को लागू करने के लिए भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त करने की कोशिश कर रही है।

इसके अतिरिक्त, इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX) से नेपाल को केवल सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक बिजली खरीदने की स्वीकृति दी गई थी। लेकिन अब नेपाल सरकार ने चौबीसों घंटे (24×7) बिजली आयात करने की अनुमति देने का भी अनुरोध किया है। ऊर्जा, जलस्रोत और सिंचाई मंत्री दीपक खड़का ने कहा कि इस पहल का सकारात्मक परिणाम जल्द ही देखने को मिलेगा। मंत्री खड़का ने इस वर्ष फरवरी में अपने भारत दौरे के दौरान भारतीय ऊर्जा मंत्री माननीय श्री मनोहर लाल खट्टर से नेपाल को अधिक बिजली आपूर्ति में सहयोग देने का विशेष अनुरोध किया था।

बिजली संकट से प्रभावित औद्योगिक क्षेत्र : वर्तमान में नेपाल के औद्योगिक क्षेत्र प्रतिदिन 12 घंटे तक लोडशेडिंग झेल रहे हैं। हालाँकि, नेपाल अभी 800 मेगावाट से अधिक बिजली आयात कर रहा है, लेकिन 16 मार्च से सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ही बिजली आपूर्ति की अनुमति दी गई है। इस कारण उद्योगों को पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही, जिससे वे बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। मंत्री दीपक खड़का के अनुसार, सर्दियों के मौसम में जलविद्युत उत्पादन कम हो जाता है, और घरेलू उत्पादन से बिजली की मांग पूरी कर पाना संभव नहीं है। इसलिए भारत से अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति के लिए अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार इस पर सकारात्मक रुख अपना रही है, जिससे जल्द ही उद्योगों और व्यवसायों की बिजली आपूर्ति समस्या हल हो जाएगी।

नेपाल में जलविद्युत उत्पादन की स्थिति : ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार, नेपाल की अधिकांश जलविद्युत परियोजनाएँ ‘रन ऑफ द रिवर’ प्रकृति की हैं, जिससे सर्दियों के मौसम में उत्पादन घटकर 900 मेगावाट तक आ जाता है, जबकि इनकी कुल स्थापित क्षमता 1,300 मेगावाट है। ऐसे में भारत से बिजली आयात करना आवश्यक हो गया है। नेपाल सरकार ने इस समस्या के दीर्घकालिक समाधान के लिए जलाशययुक्त (Reservoir-based) बड़े जलविद्युत परियोजनाओं को प्राथमिकता देने की नीति अपनाई है। साथ ही, सौर्य ऊर्जा (Solar Energy) को भी बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है। नेपाल विद्युत प्राधिकरण भारतीय ऊर्जा एक्सचेंज से बिजली खरीदकर घरेलू मांग को आंशिक रूप से पूरा कर रहा है। लेकिन चूँकि भारत से ‘सोलर ऑवर’ (सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक) में ही बिजली आयात की अनुमति है, इसलिए उद्योगों को लोडशेडिंग की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में भारत ने नेपाल को 1,004 मेगावाट बिजली आयात की अनुमति दी है, लेकिन नेपाल को 24 घंटे बिजली आपूर्ति की आवश्यकता है। इसी कारण नेपाल सरकार भारत से बिजली आयात की समयसीमा बढ़ाने और अधिक मात्रा में बिजली आपूर्ति की अनुमति देने की अपील कर रही है।