राष्ट्रीय मुक्ति पार्टी नेपाल ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का किया समर्थन

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Ashutosh Jha

काठमांडू : राष्ट्रीय मुक्ति पार्टी नेपाल ने कहा है कि आतंकवाद की कोई सीमा नहीं होती, कोई धर्म नहीं होता, कोई जाति नहीं होती। यह सृजन के लिए केवल इतना ही करता है; चीख, रोना और आंसू ही दर्द जानता है। 22 अप्रैल को भारत के जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा पर्यटकों पर किए गए बर्बर हमले के पीछे भी यही मकसद था। उन्होंने एक नेपाली नागरिक समेत 26 लोगों की हत्या कर दी, जिसकी जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े एक आतंकी संगठन ने ली थी जिसका मुख्यालय पाकिस्तान में है। आज जब भारत ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए आतंकवाद की जड़ों पर गहरा प्रहार कर रहा है, तो राष्ट्रीय मुक्ति पार्टी नेपाल इस ऐतिहासिक और साहसी कदम के प्रति अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त करती है।

यह सिर्फ एक सैन्य अभियान नहीं है, यह न्याय की पुकार है, शांति के लिए उठाया गया एक बलिदानी कदम है। जिन आतंकवादियों ने नेपाली नागरिक सुदीप न्यूपाने जैसे निर्दोष लोगों की जान ले ली, जिन्होंने भारत और अन्यत्र जगहों पर बड़े पैमाने पर रक्तपात करने की साजिश रची – ऐसे आतंकवादियों से लड़ना न केवल भारत बल्कि पूरी मानव सभ्यता का कर्तव्य है। सुदीप का खून चीख-चीख कर न्याय मांग रहा है। उनके माता-पिता की आंखें अब तक बंद नहीं हुई हैं। भारत द्वारा उठाया गया यह कदम उन आंसुओं को न्याय दिलाने का एक प्रयास है, जो हम सभी का साझा दर्द और साझा संघर्ष है। हम नेपाल सरकार से गंभीर अपील करते हैं – यह विदेश नीति का मामला नहीं है, यह मानवता के लिए खड़े होने का एक ऐतिहासिक क्षण है। आतंकवाद केवल हिंदुस्तान की समस्या नहीं है, यह हम सभी का साझा घाव है, जिसे एकता, निर्णायकता और सच्चाई के साथ खड़े होकर ही ठीक किया जा सकता है। राष्ट्रीय मुक्ति पार्टी नेपाल भारत के इस स्पष्ट, साहसिक और सुसंगत कदम का गहरा सम्मान करती है और उम्मीद करती है कि दक्षिण-पूर्व एशिया अब आतंक के अंधेरे से मुक्त होकर शांति, विश्वास और भाईचारे की रोशनी की ओर बढ़ेगा। इसलिए, हमारा समर्थन ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के लिए है, जिसके बारे में भारत का कहना है कि यह पूरी मानवता की रक्षा के लिए है और हमें गहरा विश्वास है। उक्त जानकारी राष्ट्रीय मुक्ति पार्टी के अध्यक्ष राजेंद्र महतो ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी है।