‘सेमीकॉन इंडिया 2025’- भारत बनेगा फुल स्टैक सेमीकंडक्टर नेशन : माेदी

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Eksandeshlive Desk

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत अपनी युवा प्रतिभाओं के बलबूते सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में एक फुलस्टेक डेवेलपर राष्ट्र बनेगा और डिज़ायन से लेकर निर्माण की हर प्रक्रिया में आत्मनिर्भरता हासिल करेगा। प्रधानमंत्री मंगलवार को यशोभूमि, नई दिल्ली में ‘सेमीकॉन इंडिया 2025’ का उद्घाटन करने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर भारत में निर्मित पहली चिप का भी अनावरण किया। इस अवसर पर केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री को विक्रम 32-बिट प्रोसेसर और चार परीक्षण चिप्स भेंट किए।

भारत एक मज़बूत सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर रहा : प्रधानमंत्री मोदी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अब सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में केवल बैकएंड वर्क तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि तेजी से एक फुल स्टैक नेशन बनने की ओर अग्रसर है। देश डिज़ाइन से लेकर निर्माण तक की पूरी प्रक्रिया स्वयं करेगा। भारत की सेमीकंडक्टर सफलता की कहानी किसी एक कार्यक्षेत्र या किसी एक तकनीक तक सीमित नहीं है। भारत एक व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर रहा है- जिसमें डिज़ाइनिंग, निर्माण, पैकेजिंग और उच्च तकनीक वाले उपकरण, सभी देश के भीतर शामिल हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सेमीकंडक्टर मिशन केवल एक फ़ैब स्थापित करने या एक चिप बनाने तक सीमित नहीं है। देश इस क्षेत्र में दुनिया की सबसे उन्नत तकनीकों के साथ-साथ आगे बढ़ रहा है। भारत एक मज़बूत सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर रहा है जो देश को आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा। उन्होंने उपस्थित सभी निवेशकों का खुले दिल से स्वागत करने की भारत की तत्परता का इज़हार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत की नीतियां अल्पकालिक संकेत नहीं, बल्कि दीर्घकालिक प्रतिबद्धताएं हैं और प्रत्येक निवेशक की ज़रूरतें पूरी की जाएंगी। आज पूरी दुनिया भारत पर भरोसा करती है और भारत के साथ मिलकर सेमीकंडक्टर भविष्य का निर्माण करने को तैयार है। भारत की नीतिगत स्थिरता और तकनीकी क्षमता ने देश को एक मजबूत साझीदार बनाया है।

सेमीकंडक्टर डिज़ाइन बनाने वाली प्रतिभाओं में बीस प्रतिशत भारतीय : मोदी ने कहा कि देश में अब तेजी से काम हो रहा है। हमारा मानना है कि जितना कम ‘पेपरवर्क’ होगा, उतना ही जल्दी ‘वैफर वर्क’ शुरू हो सकेगा। सरकार प्रक्रियाओं को सरल बनाकर उद्योग जगत को नई ऊर्जा देने का कार्य कर रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि वह दिन दूर नहीं जब दुनिया कहेगी- “डिजाइन इन इंडिया, मेड इन इंडिया, ट्रस्टेड बाइ वर्ल्ड।” (भारत में डिजाइन किया, भारत में निर्मित और विश्व का भरोसेमंद)। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि दुनिया में सेमीकंडक्टर डिज़ाइन बनाने वाली प्रतिभाओं में बीस प्रतिशत भारतीय हैं। देश के युवा सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए सबसे बड़ी मानव पूंजी का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने युवा उद्यमियों, नवप्रवर्तकों और स्टार्ट-अप्स से आगे आने का आग्रह किया और आश्वासन दिया कि सरकार उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। प्रधानमंत्री ने तेल को ‘ब्लैक गोल्ड’ कहे जाने की अवधारणा का उल्लेख करते हुए कहा कि आज चिप्स ‘डिजिटल डायमंड्स’ बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि अब भारत इस क्षेत्र में अग्रणी बनने का संकल्प ले चुका है। भारत जिस गति से प्रगति कर रहा है, उस पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि 2021 में सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि 2023 तक भारत का पहला सेमीकंडक्टर प्लांट स्वीकृत हो चुका है, 2024 में कई और प्लांट्स को मंज़ूरी मिल गई है और 2025 में पाँच अतिरिक्त परियोजनाओं को मंज़ूरी मिल गई है। उन्होंने बताया कि कुल मिलाकर, दस सेमीकंडक्टर परियोजनाएं अभी चल रही हैं, जिनमें लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा का निवेश शामिल है। यह भारत में बढ़ते वैश्विक विश्वास को दर्शाता है।

सरकार इस क्षेत्र में आईपी के विकास के लिए प्रतिबद्ध : प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि देश भर में प्लग-एंड-प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर मॉडल के तहत सेमीकंडक्टर पार्क विकसित किए जा रहे हैं, जो भूमि, बिजली आपूर्ति, बंदरगाह और हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी और कुशल श्रमिकों के एक समूह तक पहुंच जैसी सुविधाएं प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि जब इस तरह के बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहनों के साथ जोड़ा जाता है, तो औद्योगिक विकास अवश्यंभावी है। चाहे पीएलआई प्रोत्साहनों के माध्यम से हो या डिज़ाइन लिंक्ड अनुदानों के माध्यम से, भारत शुरू से अंत तक क्षमताएं प्रदान कर रहा है। यही कारण है कि निवेश का प्रवाह जारी है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि डिज़ाइन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना और चिप्स-टू-स्टार्टअप कार्यक्रम विशेष रूप से उनके लिए डिज़ाइन किए गए हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि डिज़ाइन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना को उसके उद्देश्यों की बेहतर पूर्ति के लिए पुनर्गठित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार इस क्षेत्र में भारतीय बौद्धिक संपदा (आईपी) के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हाल ही में शुरू किया गया राष्ट्रीय अनुसंधान कोष भी रणनीतिक गठजोड़ के माध्यम से इस प्रयास का समर्थन करेगा।

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