Eksandeshlive desk
रांची : लोकपाल कानून लागू करने की मांग को लेकर वर्ष 2014 में राजभवन के समक्ष बिना अनुमति धरना प्रदर्शन के आरोप में सामाजिक संगठन अन्नावादी इंसाफ पार्टी के सदस्य अधिवक्ता कफीलूर रहमान, विष्णु देव उरांव, अमीन अंसारी,परदेसी नायक, राजेश रजक को गिरफ्तार कर कोतवाली पुलिस ने उन पर मुकदमा चलाया था। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रांची श्री कृष्णकांत मिश्रा के न्यायालय में मामले की सुनवाई हुई। सरकार की तरफ से पांच लोगों की गवाही कलमबद्ध की गई किंतु अपराध साबित नहीं होने व संदेह का लाभ देते हुए न्यायालय ने पांचो आंदोलनकारियों को मामले से बरी कर दिया। बचाव पक्ष की ओर से मुकदमे की पैरवी अधिवक्ता हुमायूं रशीद कर रहे थे। सभी आंदोलनकारियों ने अन्ना आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। संगठन के प्रदेश प्रभारी अधिवक्ता कफीलूर रहमान ने कहा कि हमारी आवाज को दबाने के लिए झूठा मुकदमा हमलोगों पर किया गया। झारखंड में अभी भी लोकपाल कानून के तहत लोकायुक्त एवं सदस्यों की नियुक्ति नहीं की गई है जिससे भ्रष्टाचारियों का मनोबल बहुत बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि गरीबों को न्याय नहीं मिल रहा है। हर तरफ लूट मची हुई है। झारखंड में कानून लागू करने से लेकर बढ़ रहे भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों के विरोध हमारी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।