ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत 13820 घरों तक नल से पहुंचेगी पीने का पानी:सिमरिया विधायक

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नेशनल इंजीनियरिंग सर्विसेज ने निर्धारित अवधि में नहीं कर पाया पूरा काम,अब एक फिर से रिवाइज एस्टीमेट से होगा टेंडर

कुमार कुलदीप
टंडवा (चतरा):
सिमरिया विधानसभा क्षेत्र अंर्तगत टंडवा में ग्रामीण जलापूर्ति योजना में एक बार फिर काम शुरू हो जाएगा। दरअसल सिमरिया विधायक किशुन कुमार दास ने झारखंड विधानसभा सत्र के दौरान टंडवा ग्रामीण जलापूर्ति योजना का मामला सदन में उठाया था। इस मामले में प्रदेश के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथलेश ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि टंडवा ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत 28 नवंबर 2018 को तकरीबन 234 करोड रुपए की लागत से हर घर नल से पानी पहुंचाने का कार्य शुरू किया गया था और यह योजना 27 दिसंबर 2022 को ही पूरा होना था ।लेकिन अब तक महज 35 परसेंट ही काम पूरा हो पाया।इस मामले में पेय जल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने बताया कि नेशनल इंजीनियरिंग सर्विसेज के द्वारा यह ठेका लिया गया था जो निर्धारित अवधि तक काम पूरा नहीं कर पाया। इस मामले में विभाग के द्वारा ठेका कंपनी पर कार्रवाई की गई है।पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री मिथलेश ठाकुर ने बताया कि टंडवा संपूर्ण ग्रामीण जलापूर्ति योजना का रिवाइज्ड ऐस्टीमेट बना दिया गया है और डीएमएफटी के माध्यम से प्राधिकृत के द्वारा स्वीकृत भी कर लिया गया है।उन्होंने बताया कि टंडवा प्रखंड क्षेत्र के 13820 घरों तक स्वच्छ पानी पेयजल नल के माध्यम से पहुंचाने का लक्ष्य है और यह काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा।गौरतलब है कि सिमरिया के विधायक किशुन कुमार दास ने टंडवा प्रखंड के क्षेत्र वासियों के हितों को ध्यान में रखकर यह मामला सरकार के समक्ष रखा था। विधायक किशुन कुमार दास के प्रयास से नींद में सोई राज्य की चंपई सोरेन सरकार जागी है और अब टंडवा ग्रामीण जिला पूर्ति योजना का काम एक बार फिर से शुरू होगा। विधायक किशुन कुमार दास ने बताया कि एशिया का सबसे बड़ा कोलियरी झारखंड के चतरा जिला के टंडवा प्रखंड क्षेत्र में है और इस क्षेत्र में पीने के पानी का संकट लगातार गहराता जा रहा है।टंडवा प्रखंड क्षेत्र में जलस्तर काफी गिर गया है और ऐसे में संपूर्ण ग्रामीण जलापूर्ति योजना से ही लोगों को पीने का पानी मिल सकता है।हालांकि उन्होंने सरकार के कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिरकार ठेका कंपनियों पर सरकार कार्रवाई क्यों नहीं कर पाती है।उन्होंने कहा कि टंडवा पुनर्गठन के तहत जलापूर्ति को लेकर दो पंचायत में तकरीबन 9 करोड रुपए की एक अन्य योजना भी चलाई गई थी वह काम भी आज तक पूरा नहीं हो पाया है।इस मामले में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने बताया कि काम नहीं करने वाले ठेका कंपनियों पर कार्रवाई की गई है।हालांकि पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथलेश ठाकुर ने बताया कि टंडवा प्रखंड क्षेत्र में तकरीबन 154 चापाकल के माध्यम से जलापूर्ति की व्यवस्था लोगों के लिए की गई है। गौरतलब है कि टंडवा ग्रामीण जलापूर्ति योजना टंडवा प्रखंड वासियों के लिए एक अति महत्वाकांक्षी एवं मूलभूत सुविधाओं से जुड़ा हुआ मामला है। लेकिन राज्य की चंपई सोरेन सरकार के द्वारा इस मामले में ठेका कंपनियों पर कार्रवाई करने में लापरवाही बरत रही है ।उन्होंने कहा है कि जो ठेका कंपनी निर्धारित अवधि में काम पूरा नहीं कर पाया है उन्हें ब्लैकलिस्टेड किया जाए।विधायक किशुन कुमार दास ने बताया कि टंडवा प्रखंड क्षेत्र में 800 फीट तक का डीप बोरिंग भी असफल हो जा रहा है और लोगों को पानी का दिक्कत हो रहा है। उन्होंने पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री से इस बाबत मांग किया है कि कमेटी बनाकर जांच कराया जाए जो 10 दिनों में विभाग को रिपोर्ट सौंप सके। उन्होंने कहा कि जो ठेकेदार कार्य नहीं करते हैं उन्हें ब्लैकलिस्टेड किया जाए।गौरतलब है कि टंडवा प्रखंड क्षेत्र में सीसीएल की आम्रपाली,मगध सहित कई परियोजना हैं और ऐसे में ग्रामीणों को पीने का पानी उपलब्ध नहीं कराना राज्य सरकार की नाकामयाबी को दर्शाता है।