झामुमो अपने हार की छाया से ही डर गया, अभी तो हार का सामना करना बाकी : अरुण उरांव

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sunil Verma

रांची: भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व आईपीएस अरुण उरांव ने बुधवार को झामुमो प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश में चुनाव आयोग के निर्देश अबतक 5 राज्यों के 8 डीएम और 12 एसपी बदले गए, जिसमे देवघर के एसपी भी शामिल हैं। लेकिन झामुमो का बौखलाहट यह बता रहा कि देवघर एसपी राज्य के पुलिस अधिकारी नही बल्कि झामुमो के कार्यकर्ता हैं। श्री उरांव ने कहा कि झामुमो अपने हार की छाया से ही डर गया। अभी तो हार का सामना करना बाकी है। चुनाव आयोग एक निष्पक्ष संवैधानिक संस्था है, जो देश में निष्पक्ष चुनाव कराने केलिए प्रतिबद्ध है। लेकिन झामुमो अपने आप को इन सभी से ऊपर मानता है। जो संस्था इनके अनुकूल नहीं वह भाजपा का समर्थक हो जाता है। उन्होंने कहा कि जिस ईवीएम मशीन और चुनाव आयोग को झामुमो पानी पीकर गाली दे रहा उसी के द्वारा घोषित परिणाम पर झामुमो ठगबंधन राज्य में सत्ता सुख भोग रहा। अधिकारियों का ट्रांसफर पोस्टिंग यह आयोग का अधिकार है। शिकायत मिलने पर कारवाई करना उनका कर्तव्य है। फिर झामुमो की बौखलाहट खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे जैसा है। उन्होंने कहा झामुमो अपने सरकार के कारनामों को याद करे। कैसे लोहरदगा में स्लीपर सेल की रिपोर्ट करने वाले डीएसपी को रातों रात ट्रांसफर कर दिया गया था। कैसे तमाड़ चुनाव में एक पुलिस अधिकारी को उग्रवादी के खिलाफ कार्रवाई की सजा भुगतनी पड़ी थी। उन्होंने कहा कि एक तरफ झामुमो को विश्वास है कि जांच प्रक्रिया स्थानांतरण के बाद भी नही रुकेगी तो फिर इतनी झल्लाहट क्यों? सरकार उनकी फिर चुनाव आयोग को लपेटने की जरूरत क्यों पड़ी।जो अधिकारी जाएगा उससे जांच कराकर दोषी को दंडित कराएं। कहा कि दरअसल झामुमो चौतरफा संकट से घिरा है। जनता का विश्वास उनकी पार्टी से उनके लीडर से उनकी सोच से उठ चुका है। भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई ने उन्हें भयभीत कर दिया है।