Eksandeshlive Desk
हजारीबाग: भारत सरकार, एमएसएमई मंत्रालय के एमएसएमई-विकास कार्यालय, रांची द्वारा हजारीबाग जिले में पीएम विश्वकर्मा योजना पर आधारित एक दिवसीय सेमिनार सह जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लाभार्थियों को योजना से मिलने वाले लाभ, पात्रता एवं आवेदन की प्रक्रिया इत्यादि के बारे में वृहद रुप से जानकारी देना एवं जागरूक करना है।कार्यक्रम का उद्घाटन 8 फरवरी को नगर भवन, हजारीबाग में मुख्य अतिथि इंद्रजीत यादव, आईईडीएस, संयुक्त निर्देशक एवं कार्यालय प्रमुख, एमएसएमई-विकास कार्यालय, रांची एवं उपस्थित विशिष्ट अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया। कार्यक्रम की संयोजक ज्योत्सना मुड़िया, सहायक निदेशक द्वारा उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि एवं सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया गया।ज्योत्सना गुड़िया, सहायक निदेशक ने कार्यक्रम के उद्देश्य एवं रूप-रेखा से अवगत कराते हुए बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना में 18 पारंपरिक विधाओं में कार्य करने वाले कारीगर और शिल्पकार सम्मिलित हैं। कारपेंटर, नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, लोहार, ताला बनाने वाले, हथौड़ा और टूलकिट बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, इलिया, चटाई, झाडू बनाने वाले, गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, मछली का जाल बनाने वाले। उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना के तहत चयनित लाभार्थियों को 5-7 दिन का प्रशिक्षण एवं रूपए 500/- प्रतिदिन की दर से स्टाइपेड देय होगा तथा प्रशिक्षण उपरान्त टूल किट हेतु 15 हजार रूपए ई-वाउचर के रूप में प्राप्त होंगे। प्रथम चरण में एक लाख रुपए तक का ऋण तथा द्वितीय चरण में दो लाख रूपए तक का कोलेट्रल फ्री ऋण (5 प्रतिशत ब्याज की दर से) की व्यवस्था की गई है। प्रशिक्षण प्राप्त करने पर पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और पहचान पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे।
मुख्य अतिथि बी इंद्रजीत यादव, आईईडीएस, संयुक्त निदेशक ने कार्यक्रम के उद्द्घाटन में अपने अभिभाषण में कहा कि भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, विश्वकर्मा जयंती दिनांक 17 सितम्बर, 2023 को प्रधानमंत्री जी के द्वारा डिजिटली लाँच (लागू) की गई थी। भारत सरकार के द्वारा इस योजना को प्रारंभ करने का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को आर्थिक सहायता एवं उन्नत उपकरण प्रदान करते हुए उनके व्यवसाय में बढ़ोतरी कराना है जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी की इस महत्वाकांक्षी योजना को सफल बनाने हेतु सभी को मिलकर एकसाथ प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने सभा में उपस्थित 18 पारंपरिक विद्याओं में कार्य करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों से इस योजना का लाभ लेने हेतु ज्यादा से ज्यादा संख्या में पंजीकरण कराने का आह्वान किया।
उदघाटन सत्र में सम्मानित अतिथि एसएस बैठा, महाप्रबंधक, डीआईसी, हजारीबाग, श्री राकेश आजाद, एलडीएम, हजारीबाग, प्रेम प्रकाश सिंह, डीडीएम, नाबार्ड, हजारीबाग, श्याम कुमार गुप्ता, ईओडीबी प्रबंधक, डीआईसी, हजारीबाग एवं इंदु प्रभा खलखो, डीएसडब्लूओं, हज्जारीबाग ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) के वरिष्ठ प्रबंधक शशी शुक्ला ने इस योजना में रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया, पात्रता एवं मिलने वाले लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। कार्यक्रम में सीएससी की ओर से एक ‘ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन” शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें कई पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों का इस योजना के तहत पंजीकरण भी किया गया।
ज्योत्सना गुड़िया, सहायक निदेशक ने कार्यक्रम की समाप्ति पर सभा में उपस्थित सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। हजारीबाग जिले के लगभग 270 से ज्यादा शिल्पकारों और कारीगरों ने इस जागरूकता कार्यक्रम में शामिल होकर पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त किया। एम.एस.एम.ई.- विकास कार्यालय, रांची के शशांक शेखर तथा जिला उद्योग केंद्र, हजारीबाग के डीईसी, शिरीषपति त्रिपाठी ने कार्यक्रम के सफल आयोजन में संपूर्ण सहयोग किया।