Eksandeshlive Desk
चेन्नई/नई दिल्ली : प्रख्यात परमाणु वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एमआर श्रीनिवासन का निधन हो गया है। वे 95 वर्ष के थे। उन्हाेंने मंगलवार काे उदगमंडलम (ऊटी) में अंतिम सांस ली। परमाणु विज्ञानी श्रीनिवासन ने डॉ. होमी भाभा के साथ मिलकर देश के पहले परमाणु अनुसंधान रिएक्टर अप्सरा के निर्माण में काम किया था। यह अगस्त 1956 में शुरू हुआ था। उन्हें 1959 में देश के पहले परमाणु ऊर्जा स्टेशन के लिए प्रधान परियोजना इंजीनियर नियुक्त किया गया। बाद में न्यूक्लियर पावर बोर्ड के अध्यक्ष का पद संभाला। वर्ष 1987 में डॉ. श्रीनिवासन को परमाणु ऊर्जा आयोग का अध्यक्ष और परमाणु ऊर्जा विभाग का सचिव नियुक्त किया गया। श्रीनिवासन के भारत के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए भारत सरकार ने उन्हें देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। श्रीनिवासन के निधन की खबर से वैज्ञानिक समुदाय में शाेक है और उन्हें श्रद्धांजलि देने का तांता लगा है।
प्रधानमंत्री ने परमाणु वैज्ञानिक श्रीनिवासन के निधन पर जताया शोक : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के दिग्गज डॉ. एमआर श्रीनिवासन के निधन पर शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट अपने संदेश में लिखा, “भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के एक दिग्गज डॉ. एमआर श्रीनिवासन के निधन से बहुत दुखी हूं। महत्वपूर्ण परमाणु अवसंरचना के विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका ऊर्जा क्षेत्र में हमारे आत्मनिर्भर होने का आधार रही है। उन्हें परमाणु ऊर्जा आयोग के उनके प्रेरक नेतृत्व के लिए याद किया जाता है। वैज्ञानिक प्रगति को आगे बढ़ाने और कई युवा वैज्ञानिकों को मार्गदर्शन देने के लिए भारत हमेशा उनका आभारी रहेगा। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं।” दरअसल, परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष और परमाणु ऊर्जा विभाग का के पूर्व सचिव डॉ. श्रीनिवासन का तमिलनाडु के उधगमंडलम में 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने चार दशकों से अधिक समय तक देश की परमाणु ऊर्जा की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।