sunil verma
Ranchi : कृषि विज्ञान केन्द्र महेशपुर द्वारा कृषि तकनीकी सूचना केंद्र लिट्टीपाड़ा में पचास किसानों को समेकित कृषि प्रणाली के तहत तीन दिवसीय आयोजित प्रशिक्षण का समापन बुधवार को किया गया। इस प्रशिक्षण में कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक डॉ संजय कुमार ने समेकित खेती एवं इसकी उपयोगिता के बिंदुओं विन्दु पर प्रकाश डालते हुए बताया कि समेकित कृषि पद्धति में एक फोमिंग का सह उत्पाद दूसरे फोमिंग में निवेश होना साथ ही दूसरे फॉर्मिंग का सह उत्पाद पहले में निवेश करने से लागत में कमी एवं लाभ में बढोत्तरी के गुढ़ बताये साथ ही समेकित खेती में सुकर सह बतक सह मछली पालन, धान सह मछली, धान सह अजोला, गाय सह मछली, बकरी सह मछली उत्पादन के वैज्ञानिक उन्नत तरीके बताये। कृषि विज्ञान केंद्र, महेशपुर के मृदा वैज्ञानिक डाक्टर बिनोद कुमार ने जैविक खाद के रूप में कम्पोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट, गोवर खाद, विभिन्न पशुओं का मल, जीवाणु खाद, हरित खाद इत्यादि के उपयोग के बारे में विस्तार से बताया साथ ही उन्होंने मिट्टी की संरचना, उसके बनावट और उनमे स्वास्थ्य सुधार हेतू जैविक खेती अपनाने पर बल देने की आवश्यकता को बताया साथ ही रब्बी मौसम में होने वाली प्रमुख फसल जैसे गेहूँ, चना, सरसों व चारा फसल जैसे बरसीम एव गई तथा सब्जी वाली फसल जैसे बैंगन ,टमाटर, मिर्च, गोभी इत्यादि के बारे में पूर्ण एवं विस्तार से जानकारी दिये। कृषि वैज्ञानिक अभियंत्रण के सुरेन्द्र सिंह मुंडा ने कृषको के कृषि यंत्र, उपकरण मोल्ड बोर्ड हल (मिट्टी पलट हल), कल्टीवेटर, डिस्क हैरो रोग वेटर इत्यादि सहित निकाई-गुराई, कटाई दौनी इत्यादि के बारे में विस्तार पूर्वक उपस्थित सभी किसानों को विस्तृत जानकारी दिये। इस आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रखंड कृषि पदाधिकारी केत्सीत्दासत्, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक रामेश्वर मुर्मू, ङश्ङ के राहुल भट्टाचार्य ने भी प्रशिक्षण में सहयोग किया एवं ग्राम पंचायत जोरडीहा, बड़ा घघरी, सोनाधनी, बांडू, लिट्टीपाड़ा, नावाडीह, सूरजबेड़ा, फूल पहाड़ी एवं करमाटांड आदि पंचायतों के कुल 50 किसानों ने प्रशिक्षण में भाग लिया।