कृषि विभाग का मिशन मिलेटस कम बारिश में भी किसानों को मिलेगा भरपूर लाभ

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Eksandeshlive Desk
लातेहार: जिले में पिछले 2 वर्ष से लगातार सुखाड़ की मार झेल रहे किसानों को इस वर्ष नुकसान से बचाने के लिये कृषि विभाग पूरी तरह  तैयार है। कृषि विभाग ने इस वर्ष मिशन मिलेट्स के अन्तर्गत झारखंड के पारंपरिक मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने की योजना बनायी है। पारंपरिक मोटे अनाज की खेती होने से जहां लोगों को पौष्टिक आहार मिल पायेगा वहीं यदि इस वर्ष भी कम बारिश हुई तो भी फसल पर इसका ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। लातेहार जिला कृषि के क्षेत्र में काफी पिछड़ा हुआ जिला माना जाता है  यहां के अधिकांश किसान आज भी धान और मक‌ई की खेती के प्रति ही ज्यादा निर्भर रहते है।
ऐसे में जब बरसात के दिनों में बारिश पूरा नहीं होता है तो उस समय किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। पिछले दो वर्षो में जिस तरह बरसात के मौसम में कम बारिश हुई थी किसानों की कमर ही टूट गया था भविष्य में फिर से किसानों को ज्यादा नुकसान ना हो इसके लिये कृषि विभाग ने मिशन मिलेट्स को आरंभ किया है। लातेहार जिला कृषि पदाधिकारी अमृतेश कुमार सिंह की पहल पर प्राचीन पारंपरिक मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये लातेहार जिले के विभिन्न प्रखंडों में मिशन मिलेट्स यानि बाजरा को शुरू किया गया है।
इस संबंध में जानकारी देते हुये जिला कृषि पदाधिकारी अमृतेश कुमार सिंह ने बताया कि मिशन मिलेट्स के तहत जिस क्षेत्र में पारंपरिक तौर पर मोटे अनाज की खेती होते आया है। वैसे क्षेत्र में संबंधित अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये मिशन मिलेट्स का आरंभ किया गया है उन्होंने बताया कि लातेहार के कई प्रखंडों में मड़ूवा, ज्वार , बाजरा आदि मोटे अनाज की खेती किसानों के द्वारा किया जाता है‌ लेकिन धीरे-धीरे इन फसलों के उत्पादन के प्रति लोगों में जागरूकता कम होते जा रहा है।
जब कि मोटे अनाज के उत्पादन कर  किसान अच्छा लाभ ले सकते है उन्होंने बताया कि यदि कम बारिश भी होगी तो मोटे अनाज के उत्पादन पर इसका ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है, क्योंकि कम बारिश में भी मोटे अनाज का भरपूर उत्पादन होता है। इन मोटे अनाज में काफी पौष्टिक आहार होते है जिसे खाने से लोग सेहतमंद रह सकेंगे चावल , गेहूं की अपेक्षा मोटे अनाज में पौष्टिकता प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है परंतु जानकारी के अभाव में लोग मोटे अनाज का लाभ किसान नहीं ले पाते है।
*उत्पादन, विपणन और व्यापार में किसानों को मिलेगी मदद*
कृषि पदाधिकारी ने बताया कि मिशन मिलेट्स के तहत मोटे अनाज की खेती करने वाले किसानों को उत्पादन के अलावा व्यापार और विपणन के कार्य में भी विभाग के द्वारा मदद दी जायेगी। उत्पादन के लिये किसानों को जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें आवश्यक सुविधा भी उपलब्ध कराने की योजना है।  उन्होंने बताया कि मोटे अनाज की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 3,000 रुपये की आर्थिक मदद किया जायेगा यह मदद एक किसान के लिये अधिकतम 5 एकड़ तक का होगा। वहीं, उत्पादन के बाद अनाज के व्यापार के लिये भी विभाग के द्वारा योजना तैयार की किया गया है। साथ ही अनाज के विपणन कार्य में भी विभाग किसानों को पूरा सहयोग करेगी यदि मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने की कृषि विभाग की योजना सफल हुई तो लातेहार के किसानों को इसका बड़ा लाभ मिलेगा।