Eksandeshlive Desk
नई दिल्ली : भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) का 55वां आयोजन का बुधवार से आगाज होने जा रहा है। 20 से 28 नवंबर तक गोवा में आयोजित होने जा रहे इस महोत्सव में 19 वैश्विक और अंतरराष्ट्रीय, 43 एशियाई, 109 भारतीय फिल्मों का प्रीमियर किया जाएगा। मंगलवार को गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने गोवा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आईएफएफआई के 55वें संस्करण की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने बताया कि समारोह के दौरान 81 देशों की 180 अंतरराष्ट्रीय फिल्में दिखाई जाएंगी। सभी प्रतिनिधियों के लिए समारोह स्थलों तक यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए मुफ्त परिवहन सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी। सावंत ने कहा कि गोवा की फिल्मों के लिए एक विशेष खंड होगा जिसमें 14 फिल्में दिखाई जाएंगी, यह प्रदर्शन स्थानीय प्रतिभा और संस्कृति का जश्न होगा। आईएफएफआई परेड के मार्ग पर ‘कंदील’ प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा और प्रतिभागियों को नकद पुरस्कार दिए जाएंगे। सावंत ने बताया कि आईएफएफआई परेड 22 नवंबर को ईएसजी कार्यालय से कला अकादमी तक आयोजित की जा रही है।
इस वर्ष 6500 प्रतिनिधियों ने कराया है अपना पंजीकरण
इस मौके पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव और एनएफडीसी के प्रबंध निदेशक पृथुल कुमार ने कहा कि इस वर्ष 6500 प्रतिनिधियों ने अपना पंजीकरण कराया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है। फिल्म प्रेमियों के लिए महोत्सव को और अधिक सुलभ बनाने के लिए इस वर्ष छह अतिरिक्त स्क्रीन और 45 प्रतिशत अधिक स्क्रीनिंग थिएटर उपलब्ध कराए जाएंगे। कुमार ने कहा कि महोत्सव में फिल्म उद्योग की जानी-मानी हस्तियां शामिल होंगी। कुमार ने यह भी बताया कि एनएफडीसी, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के नेतृत्व में यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है कि इस वर्ष का यह महोत्सव लोगों की भागीदारी और समग्र अनुभव की गुणवत्ता के मामले में नई ऊंचाइयों पर पहुंचे। सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन महोत्सव की तैयारियों की निरंतर समीक्षा कर रहे हैं। कुमार ने कहा कि महोत्सव का प्रयास है कि सूचना एवं प्रसारण सचिव के कुशल मार्गदर्शन में समन्वित कार्रवाई और विभिन्न कार्यों के समय पर निष्पादन के माध्यम से सभी हितधारकों को एक साथ आएं। इस साल का महोत्सव सिनेमाई भव्यता का प्रतीक होगा, जिसमें विविध कथानक और नवीन विषयों वाली फिल्में दिखाई जाएंगी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा।