Eksandeshlive Desk
नई दिल्ली : सरकार यातायात ‘रडार’ उपकरणों के अनिवार्य सत्यापन तथा मुहर लगाने संबंधी नए नियमों को लागू करने की तैयारी में है। नए नियम का उद्देश्यर देशभर में सड़क सुरक्षा में सुधार करना है। उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि सरकार सड़क सुरक्षा को मजबूत करने को लेकर वाहनों की गति मापने में इस्तेमाल होने वाले रडार उपकरणों के लिए नियमों को लागू करेगी। मंत्रालय ने कहा कि विभिन्न परामर्श के दौरान प्राप्त सुझावों पर गौर किया गया और नियमों को शीघ्र ही अधिसूचित किया जाएगा।
सभी रडार उपकरणों को तैनाती से पहले सत्यापन से गुजरना होगा
कानूनी माप विज्ञान प्रभाग द्वारा तैयार मसौदा नियमों के मुताबिक सभी रडार उपकरणों को तैनाती से पहले सत्यापन से गुजरना होगा और आधिकारिक मुहर प्राप्त करनी होगी। नए नियम विधिक माप विज्ञान (सामान्य) नियम, 2011 के तहत आते हैं। ये सड़कों पर वाहनों की गति मापने के लिए व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले ‘माइक्रोवेव डॉपलर रडार’ उपकरण के लिए लागू होंगे। मंत्रालय ने बताया कि नए ढांचे के तहत सभी गति माप उपकरणों को सत्यापन से गुजरना होगा। इन्हें लगाए जाने से पहले इन पर आधिकारिक मुहर लगी होनी चाहिए।
मकसद गति और दूरी माप के लिए सटीक ‘रीडिंग’ सुनिश्चित करना
इस प्रक्रिया का मकसद गति और दूरी माप के लिए सटीक ‘रीडिंग’ सुनिश्चित करना है, जो यातायात कानून प्रवर्तन के लिए महत्वपूर्ण है। ये नियम ऐसे समय में लागू करने की तैयारी में है, जब सरकार सड़क सुरक्षा रिकॉर्ड में सुधार करना चाहती है। उल्लेमखनीय है कि केंद्रीय उपभोक्ता मामलों का विभाग हितधारकों के हितों की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्री य ओआईएमएल मानकों के अनुसार अन्य तौल और माप उपकरणों के लिए नियम बनाने की प्रक्रिया में है। ये नियम वाहन की गति मापने के लिए सत्यापित और मुहरबंद रडार उपकरण दुर्घटनाओं को रोकने, सड़कों की टूट-फूट और अन्य के लिए यातायात प्रवर्तन जैसे अनुप्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण है।