बाल विवाह मुक्त भारत अभियान: ग्रामोदय विद्यालय ने साल भर में रुकवाए 588 बाल विवाह

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SHYAM

राँची: जिले में पिछले डेढ़ साल में सिन्दुआर टोला ग्रामोदय विकास विद्यालय कुल 588 बाल विवाह रुकवाने में सफल रही। संस्था के सचिव राजेन कुमार ने कहा कि बाल विवाह रोकने के लिय संस्था ने अंडरटेकिंग, समझौता और प्रशासन से मदद लेकर बाल विवाह को रोकवाया। साथ ही इस अभियान से बाल विवाह के खात्मे की लड़ाई को गति मिलेगी। रैली में बाल विवाह पीड़िताओं, सरकारी अफसरों, पंचायत प्रतिनिधियों व शिक्षकों, प्रखंड पदाधिकारी, सहित बड़ी संख्या में शामिल आम लोगों ने बाल विवाह के खिलाफ शपथ लिया।
विवाह संपन्न कराने वाले पंडितों व मौलवियों समेत सभी धार्मिक नेताओं हलवाइयों, बैंड बाजा वालों सहित सभी हितधारकों ने किया अभियान का समर्थन और इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। सिन्दुआर टोला ग्रामोदय विकास विद्यालय बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए काम कर रहे 250 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ का एक हिस्सा है। भारत सरकार के ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ के आह्वान के समर्थन में गैरसरकारी संस्था सिन्दुआर टोला ग्रामोदय विकास विद्यालय, राँची जिले में बाल विवाह के खिलाफ 52 जगहों में जिसमे प्रखंड, पंचायत, गाँव में जागरूकता व शपथ ग्रहण कार्यक्रमों का आयोजन किया। जिसमें समाज के हर तबके के लोग शामिल हुए। इस दौरान मशाल जुलूस और कैंडल मार्च में बाल विवाह पीड़िताओं, महिलाओं, बच्चों व पुरुषों सहित 3200 लोगों ने बाल विवाह के खिलाफ शपथ ली और जागरूकता के प्रसार के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी निभाये। इस दौरान पुरोहितों, मौलवियों, हलवाइयों, रसोइयों, सजावट, बैंड बाजा वाले व शादी का कार्ड छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस के मालिकों जैसे विवाह से जुड़े सभी हितधारकों ने शपथ ली कि वे बाल विवाह संपन्न कराने में किसी भी तरह से भागीदारी नहीं करेंगे और इसकी सूचना तत्काल संबंधित अधिकारियों को देंगे। सिन्दुआर टोला ग्रामोदय विकास विद्यालय ने स्थानीय प्रशासन के सहयोग व समन्वय से कानूनी हस्तक्षेपों और परिवारों एवं समुदायों को समझा-बुझा कर जुलाई 2023 से 25 नवम्बर 2024 तक राँची जिले में 588 बाल विवाह रुकवाए हैं।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी द्वारा शुरू किए गए ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान का पुरजोर समर्थन करते हुए गैरसरकारी संस्था सिन्दुआर टोला ग्रामोदय विकास विद्यालय के सचिव राजेन कुमार ने कहा, “यह अभियान हमारे विकसित भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। देश की बच्चियों को शिक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाए बिना हम इस सपने को पूरा नहीं कर सकते और बाल विवाह इसमें सबसे बड़ी बाधा है। बाल विवाह की रोकथाम के लिए सभी पक्षों को साथ लेकर चलने और बचाव-संरक्षण एवं अभियोजन नीति पर अमल के मंत्रालय के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं। ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ का सहयोगी संगठन होने के नाते हम पहले से ही इस रणनीति पर काम करते आ रहे हैं। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि हमने इस जिले में जो अभियान शुरू किया था, वह अब राष्ट्रव्यापी अभियान बन गया है।” इस राष्ट्रव्यापी अभियान का समर्थन करते हुए जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) के संस्थापक भुवन ऋभु ने कहा, “हमने जब यह अभियान शुरू किया था तो यह समस्या को उसकी जड़ से मिटाने के लिए बाल विवाह की ऊंची दर वाले राज्यों पर केंद्रित एक लक्षित प्रयास था। एक सुविचारित दृष्टि और रणनीति के साथ शुरू हुआ | यह अभियान अब राष्ट्रव्यापी शक्ल ले चुका है और आज देश सदियों से देश में जड़ें जमाए बैठी इस कुप्रथा के खात्मे के लिए एकजुट है। जिसने भी भारत की बेटियों की पुकार सुनी, उनकी आवाज उठाई और बाल विवाह मुक्त भारत भविष्य के सपने की ओर बढ़ने में मदद की, हम उन सभी को धन्यवाद देते हैं।”
गैर सरकारी संस्था सिन्दुआर टोला ग्रामोदय विकास विद्यालय देश में बाल सुरक्षा तंत्र को मजबूती प्रदान करने व बाल अधिकारों के सुरक्षा व संरक्षण के प्रोत्साहन के लिए कार्य कर रहे हैं। कार्यक्रम में मौजूद एक बाल विवाह पीड़िता गुलनाज प्रवीन ने कहा “आज का दिन मेरे लिए ऐतिहासिक है। ऐन मौके पर बाल विवाह रुक जाने से मैं जीवन की कई मुश्किलों और उत्पीड़न से बच गई। लेकिन मुझे यह भी मालूम है कि कई लड़कियां मेरी तरह भाग्यशाली नहीं है। लेकिन अब भारत सरकार बाल विवाह मुक्त अभियान शुरू कर रही है। मुझे विश्वास है कि हम सब मिलकर इस सामाजिक बुराई को समाप्त कर देंगे।” इस अपराध के खात्मे के लिए सरकार के संकल्प पर संतोष जताते हुए कहा, “मैं भाग्यशाली थी कि मेरी शादी सही समय पर रोक दी गई। लेकिन कड़वा सच यह है कि आज भी समाज की अनदेखी के कारण कई नाबालिग लड़कियों को बाल विवाह के दलदल में झोंक दिया जाता है। निश्चित रूप से समाज की मानसिकता में सुधार हुआ है लेकिन अब सरकार का यह अभियान इस बदलाव को और गति देगा जिससे आने वाले वर्षों में बाल विवाह हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा।”