राहुल गांधी ने एकलव्य का अंगूठा काटे जाने के प्रसंग को लेकर केंद्र पर साधा निशाना

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Eksandeshlive Desk

नई दिल्ली : लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को द्वापर युग में महाभारत के पात्र द्रोणाचार्य द्वारा एकलव्य से गुरुदक्षिणा में अंगूठा मांगे जाने के प्रसंग का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “जैसे द्रोणाचार्य ने एकलव्य का अंगूठा काटा, वैसे ही यह सरकार देश के युवाओं, किसानों, दलितों और पिछड़ों का अंगूठा काट रही है।”

भारतीय संविधान को अंगीकार करने के 75 वर्षो की गौरवशाली यात्रा पर लोकसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब ये सरकार देश की संपत्ति अडाणी को सौंपती है, तब इस देश के छोटे-बड़े उद्योगों और कारोबारियों का अंगूठा कटता है। उन्होंने कहा कि जैसे एकलव्य ने तैयारी की थी, वैसे ही हिंदुस्तान के युवा सुबह उठकर अलग-अलग परीक्षा की तैयारी करते हैं। लेकिन जब आपने (सरकार) अग्निवीर लागू किया, तब आपने उन युवाओं की उंगली काटी। जब पेपर लीक होता है, तब आप हिंदुस्तान के युवाओं का अंगूठा काटते हैं। आज आपने दिल्ली के बाहर किसानों पर आंसू गैस चलाया है। किसान आपसे एमएसपी की मांग करते हैं, लेकिन आप अडाणी-अंबानी को फायदा पहुंचाते हैं और किसानों का अंगूठा काटने का काम करते हैं।

संविधान को आधुनिक भारत का दस्तावेज बताते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि प्राचीन भारत और विचारों के बिना संविधान कभी नहीं लिखा जा सकता था। जातिगत जनगणना का वादा करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जातियों की गिनती जरूरी है, इसलिए हम जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं। हमारी सरकार जब आएगी, तब हम जातियों की गिनती कराएंगे। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना कराने के बाद हम आरक्षण के 50 प्रतिशत बैरियर को तोड़ देंगे। वो इसी सदन में तोड़ा जाएगा।

राहुल गांधी ने कहा कि लोग हमारे संविधान को दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान कहते हैं लेकिन इसमें हमारे राष्ट्र के एक दर्शन के विचारों का एक समूह है। जब हम संविधान को खोलते हैं तो हमें आंबेडकर, महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू की आवाजें और विचार सुनाई देते हैं लेकिन ये विचार कहां से आते हैं? ये विचार इस देश की एक पुरानी गहन परंपराओं से आते हैं, जिसमें शिव, गुरु नानक, बसवन्ना, बुद्ध, कबीर, महावीर और अन्य लोगों की एक लंबी सूची शामिल है। इसलिए जब हम संविधान की बात करते हैं और इसे दूसरों को दिखाते हैं तो बेशक यह आधुनिक भारत का एक दस्तावेज है लेकिन यह प्राचीन भारत और उसके विचारों के बिना कभी नहीं लिखा जा सकता था।

सावरकर को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि सावरकर लिखते हैं, ”भारत के संविधान की सबसे बुरी बात यह है कि इसमें कुछ भी भारतीय नहीं है। मनुस्मृति वह ग्रंथ है, जो वेदों के बाद सबसे अधिक पूजनीय है तथा जो प्राचीन काल से ही हमारी संस्कृति, रीति-रिवाजों, विचारों और व्यवहारों का आधार रहा है। इस ग्रंथ ने सदियों से हमारे राष्ट्र की आध्यात्मिक और दैवीय यात्रा को संहिताबद्ध किया है। आज मनुस्मृति ही कानून है।” उन्होंने कहा कि सावरकर ने अपने लेखन में स्पष्ट रूप से कहा है कि हमारे संविधान में कुछ भी भारतीय नहीं है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि जिस पुस्तक से भारत चलता है, उसे इस पुस्तक से हटा दिया जाना चाहिए। इसी बात को लेकर लड़ाई है।

राहुल गांधी ने भाजपा सांसदों पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वे संविधान की रक्षा करते हैं तो वे सावरकर को बदनाम कर रहे होते हैं। उन्होंने कहा, “मैं आपसे (सत्ता पक्ष से) पूछना चाहता हूं कि क्या आप अपने नेता के शब्दों पर कायम हैं? क्या आप अपने नेता के शब्दों का समर्थन करते हैं? क्योंकि जब आप संसद में संविधान की रक्षा के बारे में बोलते हैं तो आप सावरकर का उपहास कर रहे होते हैं, आप सावरकर को गाली दे रहे होते हैं, आप सावरकर को बदनाम कर रहे होते हैं।” 12 दिसंबर को हाथरस की अपनी यात्रा और 2020 के हाथरस अपराध पीड़िता के परिवार से मिलने का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने दावा किया कि पूरा परिवार अभी भी डर के माहौल में जी रहा है।

उन्होंने कहा, “हाथरस में चार साल पहले एक लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ। तीन दिन पहले मैं वहां गया और परिवार से मिला, लेकिन लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वाले व्यक्ति खुलेआम घूम रहे हैं और पीड़िता का परिवार अपने घर में बंद है। आखिर ये संविधान में कहां लिखा है कि जो बलात्कार करता है, वह बाहर रहे? उत्तर प्रदेश में संविधान नहीं लागू होता है, वहां पर मनुस्मृति लागू हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार पीड़ित परिवार को री-लोकेट नहीं करेगी तो हम सब मिलकर उस परिवार का री-लोकेशन करेंगे।

कहा-मुझे दादी ने बताया कि सावरकर ने अंग्रेजों से मांगी माफी

लोकसभा में शनिवार को संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा जारी है। एक सदस्य के सावरकर को लेकर पूछे गए सवाल पर आज राहुल गांधी ने कहा कि उनकी दादी इन्दिरा गांधी ने उन्हें बताया था कि सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी थी।

लोकसभा में महाराष्ट्र से सांसद श्रीकांत शिंदे ने राहुल गांधी से सावरकर को लेकर सवाल पूछा था। इस पर राहुल गांधी ने मांग की कि उन्हें अपना पक्ष रखने दिया जाए। वहीं चेयर से कहा गया कि वे सदस्य का वक्तव्य समाप्त होने का इंतजार करें। इसके बाद विपक्षी सदस्य सदन में बीचों बीच आकर हंगामा करने लगे। बाद में अध्यक्ष ओम बिरला ने केसी वेणुगोपाल को बोलने का अवसर प्रदान किया। उन्होंने कहा कि नेता विपक्ष को भी सदन में कुछ अधिकार मिले हैं और उन्हें अपनी बात रखने का अवसर दिया जाना चाहिए।

इस पर अध्यक्ष ने राहुल गांधी को बोलने का अवसर प्रदान किया। राहुल गांधी ने कहा कि उनकी दादी इंदिरा गांधी ने उन्हें बताया था कि सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी थी और समझौता किया था। इसके बाद नेता सदन सदन को छोड़कर बाहर चले गए। बाद में श्रीकांत शिंदे ने अपना विषय पूरा किया। इसके बाद निशिकांत दुबे ने कहा कि राहुल गांधी ने सावरकर के बारे में सदन में झूठ बोला है। उन्होंने कहा कि उनकी दादी ने सावरकर के नाम पर डाक टिकट जारी किया। उनके नाम पर बने स्मारक को दान दिया और ऐसे कई अवसर हैं, जब उन्होंने सावरकर का समर्थन किया।