Eksandeshlive Desk
नई दिल्ली : भारत अगले साल नवंबर में विश्व मुक्केबाजी कप फाइनल की मेजबानी करने के लिए तैयार है, जो अलग हुई विश्व मुक्केबाजी (डब्ल्यूबी) संस्था के प्रति उसके समर्थन की पुष्टि करता है। पिछली बार बीएफआई ने 2023 में अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आईबीए) की महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप की मेजबानी की थी। इस टूर्नामेंट की तारीखों की घोषणा अगले साल जनवरी में होगी जबकि साल का पहला विश्व मुक्केबाजी कप मार्च में ब्राजील में आयोजित किया जाएगा। इसके बाद जर्मनी, कजाकिस्तान और भारत में प्रतियोगिताएं होंगी।
इसके अलावा भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) तीसरी विश्व मुक्केबाजी कांग्रेस की भी मेजबानी करेगा जिसमें अध्यक्ष पद और कार्यकारी बोर्ड के चुनाव होंगे। इस साल की शुरुआत में नए शासी निकाय में शामिल होने का विकल्प चुनने के बाद यह टूर्नामेंट बीएफआई की मेजबानी में पहला अंतरराष्ट्रीय आयोजन होगा। बीएफआई के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा कि ऐसे प्रतिष्ठित आयोजनों की मेजबानी के लिए विश्व मुक्केबाजी द्वारा मान्यता मिलना भारत के लिए गर्व की बात है। यह भारत की संगठनात्मक उत्कृष्टता को दर्शाने के साथ मुक्केबाजी को ओलंपिक का हिस्सा बनाये रखने की हमारी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने आगे कहा कि बीएफआई खेल की विरासत में योगदान देकर खुद को सम्मानित महसूस कर रहा है। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ वर्ष 2025 में भारत में वैश्विक मुक्केबाजी समुदाय का स्वागत करने के लिए तैयार हैं।
विश्व मुक्केबाजी के अध्यक्ष बोरिस वान डेर वोर्स्ट ने कहा कि 2024 में हमारी पहली विश्व मुक्केबाजी कप श्रृंखला की भारी सफलता के बाद यह देखना शानदार है कि हमारे पास 2025 में प्रतियोगिता की मेजबानी के लिए चार मजबूत दावेदार हैं। मैं समर्थन और प्रतिबद्धता के लिए ब्राजील, जर्मनी, कजाकिस्तान और भारत के राष्ट्रीय महासंघों को उनके योगदान के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि मैं विश्व मुक्केबाजी कप और 2025 में नई दिल्ली में हमारी अगली कांग्रेस की मेजबानी के लिए समर्थन के लिए भारतीय मुक्केबाजी महासंघ का भी बहुत आभारी हूं। बता दें कि डब्ल्यूबी एक अलग हुआ अंतरराष्ट्रीय महासंघ है जिसका लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) से मान्यता प्राप्त करना और यह सुनिश्चित करना है कि मुक्केबाजी ओलंपिक खेलों का हिस्सा बना रहे। अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आईबीए) का दर्जा छीने जाने के बाद पिछले साल अप्रैल में गठित डब्ल्यूबी के सदस्यों की संख्या 60 तक पहुंच गई है। उम्मीद है कि आईओसी अगले साल की शुरुआत में इसकी मान्यता पर फैसला लेगी।