रिम्स ने किया ओपन हार्ट सर्जरी, बची महिला की जान

360° Health

sunil
रांची
: रिम्स रांची के सीटीवीएस विभाग में हाल ही में एक 35 वर्षीय महिला का सफल ओपन हार्ट सर्जरी किया गया। मरीज के हृदय में जन्म से छेद था, जिसे चिकित्सकीय भाषा में एवीएसडी कहा जाता हैे इसमें दिल में दो तरह के छेद होते है। एक एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट और दूसरा वेंट्रिक्युलर सेप्टल डिफेक्ट, साथ ही मीर्टल और ट्रीक्सपीड वाल्व की बनावट में भी खराबी होती है। ऐसी बीमारी का इलाज बचपन में ही हो जाना चाहिए था, लेकिन किसी कारणवश वह इसका इलाज अभी तक नहीं करा पाई थी। पलामू जिले से आयी इस मरीज को पिछले कुछ सालों से साँस फूलने, शरीर में सूजन और धड़कन तेज होने की परेशानी हो रही थीे इनकी इकोकार्डियोग्राफी व कार्डियक सीटी करने पर इस बीमारी का पता चल। एक गंभीर और जानलेवा दिल की बीमारी है। ऐसी बीमारी में फेफड़े का प्रेसर बढ़ जाता है और रोगी की जान को बचाना मुश्किल होता है। इस मरीज के दिल में दो छेद थे जिसे कॉमन एट्रियम और वी एस डी बोलते हैें इनके फेफड़े की नस का प्रेसर भी काफी बढ़ गया था, दिल का आकार समान्य की तुलना में दो गुना बढ़ गया था और दिल के चारों ओर पानी भर गया था। पहले मरीज को स्थिति को दवाओं के माध्यम से स्थिर करने का प्रयास किया गया, लेकिन सुधार नहीं होने पर चिकित्सकों द्वारा शीघ्र आॅपरेशन करने के निर्णय लिया गयो रिम्स के विभाग में मरीज का इलाज आयुष्मान योजना के तहत नि:शुल्क किया गया और अमृत फामेर्सी से ओपन हार्ट सर्जरी के लिए आवश्यक सामग्री मंगाई गयी। विभाग के चिकित्सको द्वारा मरीज का ओपन हार्ट सर्जरी करके उनके दोनों वाल्व का रिपेयर करके ठीक कर दिया और दिल के दोनों छेदों को बंद कर दिया ।आॅपरेशन के बाद मरीज की स्थिति ठीक है और उनके लक्षणों में काफी सुधार है। आज इस मरीज को सीटीवीएस के रिकवरी वार्ड में शिफ्ट किया गया हैे। सीटीवीएस टीम का नेतृत्व डॉ. राकेश चौधरी ने किया। टीम में निश्चेतना विभाग से डॉ शिव प्रिये, डॉ. मुकेश कुमार, सर्जरी विभाग से डॉ पूर्वा, डॉ रवीना, डॉ पशुपति व डॉ प्रिया शामिल थीें आॅपरेशन और इसके पश्चात की देखभाल में डळ असिस्टेंट राजेंद्र,खुशबू ,सरोज, अभिषेक और इंचार्ज सिस्टर सुनीता, प्रिसिला, रीना,अमित, फ्लोर स्टाफ प्रीति व सूरज ने भी अहम योगदान दिया।

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