भारत-नेपाल के जन स्तर के संबंध को किसी भी सरकार की नासमझी से तोड़ पाना संभव नहीं: अब्दुल खान

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आशुतोष झा

काठमांडू: अन्तरराष्ट्रीय समरसता मंच द्वारा यहाँ आयोजित G-22 समरसता सांस्कृतिक समन्वय सम्मेलन आयोजित किया गया। समरसता डेलिगेशन में भारत के सभी राज्यों से आए हुए एक सौ से अधिक विशिष्ट प्रतिनिधियों का आगमन हुआ। कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों का स्वागत नेपाल सरकार के पूर्व मंत्री, उद्योग, वाणिज्य और श्रम उपभोक्ता हित समिति के सभापति व जनमत्र पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सहित अन्य कई दर्जन लोंगो ने की। कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि अब्दुल खान थे। अपने संबोधन में अब्दुल खान ने कहा कि भारत व नेपाल के रिश्ते सिर्फ राजनीतिक ही नहीं अपितु सामाजिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक भी हैं। इस प्रकार का अनोखा रिश्ता दोनो देशों के बीच कायम है। खान ने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए कतिपय भारत के विरोध की कुछ राजनीतिक दल के नेताओं द्वारा अभिव्यक्ति देने से नेपाल-भारत के संबंधों पर कोई असर नहीं पड़नेवाला है। इन्होंने दावा किया कि भारत-नेपाल की जनता ने एक-दूसरे से परस्पर मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित कर रखा। है, जिसे सिरफिरे लोग तोड नहीं सकते। भारत-नेपाल के जन स्तर के संबंध को किसी भी सरकार की नासमझी से तोड़ पाना संभव नहीं है। नेपाल और भारत का संबंध वैदिक तथा पौराणिक काल से समन्वयात्मक रहे हैं और सदा बेहतर ही रहेंगे। इस कार्यक्रम में संसदीय समिति के सभापति तथा पूर्व मंत्री अब्दुल खान द्वारा अतिथियों का स्वागत तथा अभिनंदन भी किया गया।

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