हजारीबाग के बड़कागांव में 8 महीने से किसान कर रहे धरना-प्रदर्शन

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Eksandeshlive Desk
हजारीबाग : देश का दूसरा सबसे बड़ा किसान आंदोलन झारखंड के हजारीबाग जिला के बड़कागांव प्रखंड में चल रहा है। यह आंदोलन बड़का गांव प्रखंड के गोंदलपुरा गांव में चल रहा है जिसमें पांच गांव के हजारों किसान महिला-पुरुष शामिल हंै। आंदोलन के 8 महीने बीत चुके हैं लेकिन जिला प्रशासन, राज्य सरकार और केंद्र सरकार के एक भी छोटे-बड़े पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि ने इसका कोई संज्ञान नहीं लिया। यह आंदोलन पांच गांव के ग्रामीण इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनके गांव से कोयला खनन किया जाएगा। जिसमे गोंदलपुरा, हाहे, बलोदर, गाली गांव शामिल हैं। उक्त गांव में कोयला खनन का कार्य अदानी कंपनी को दिया गया है जबकि सभी गांव की जमीन खेती वाली है जिसका उपयोग ग्रामीण पूर्वजों से कर रहे हैं। जिस पर एक वर्ष में 3 से 4 फसलों का उत्पादन किस बड़े आसानी से करते हैं और अपने घर परिवार का जीविकोपार्जन करते हैं। भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में साफ स्पष्ट है कि उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण नहीं होगा और उसे किसी प्रकार का कोई खनन कार्य नहीं किया जा सकता है। फिर भी केंद्र सरकार राज्य सरकार और जिला प्रशासन के पदाधिकारी नियम कानून को तक पर रखकर हजारों ग्रामीण महिला पुरुष और पांच गांव के बच्चों का भविष्य अंधेरे में धकेलना का कार्य कर दिया है। ग्रामीण लगातार 8 महीने से शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन कर रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि हम किसी भी सूरत पर अदानी कंपनी और कोयला खनन कंपनी को अपना जमीन नहीं देंगे। यह हमारा उपजाऊ भूमि है जिसे हमारा जीविकोपार्जन चलता है। हजारीबाग के पूर्व सांसद और झारखंड राज्य विस्थापित संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि 8 महीने बीत गए ग्रामीण 24 घंटे 30 दिन शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन ग्रामीणों से बात करना की चिंता छोड़कर अदानी कंपनी को सहयोग कर रहा है। शांतिपूर्ण तरीके से धरना पर बैठे ग्रामीण महिला पुरुषों पर जिला प्रशासन मुकदमा कर दिया है अब यह आंदोलन बड़का गांव से उठकर पूरे राज्य में फैलेगा और विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा के सदस्य सभी क्षेत्र में विस्थापितों के न्याय के लिए चरणबाद तरीके से आंदोलन करेंगे।