रांची विश्वविद्यालय की मनमानी के खिलाफ पहुंचा राजभवन : आजसू

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रांची: अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) के सदस्यों ने रांची विश्वविद्यालय के कुलपति के तानाशाही रवैया के खिलाफ राजभवन मे राज्यपाल के नाम से,मुख्यमंत्री सचिवालय मुख्यमंत्री के नाम से एवं झारखंड सरकार के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक के नाम से सोपा ज्ञापन। राज्यपाल सह कुलाधिपति के नाम से राजभवन ,मुख्यमंत्री के नाम से मुख्यमंत्री सचिवालय में एवं उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग में निदेशक के नाम से ज्ञापन देते हुए रांची विश्वविद्यालय के अध्यक्ष श्री अभिषेक शुक्ला ने कहा रांची विश्वविद्यालय के कुलपति एवं विश्वविद्यालय प्रशासन का यह तानाशाही फैसला पूरे राज्य के गरीब छात्र छात्राएं एवं विशेष कर पांच जिलों के गरीब छात्र-छात्राओं को प्रभावित करेगा। श्री शुक्ला ने कहा के विश्वविद्यालय द्वारा इंटर में नामांकन संबंधित अधिसूचना जारी की गई थी , इसके तीन दिन बाद इस सूचना को रद्द कर दिया गया। जबकि इस राज्य के लगभग सभी अन्य विश्वविद्यालय के महाविद्यालयों में इंटरमीडिएट के नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। लेकिन रांची विश्वविद्यालय के कुलपति अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। रांची विश्वविद्यालय में लगभग 80 से 90% छात्र-छात्राएं गरीब या गरीबी रेखा के नीचे तबके से आते हैं ऐसे में इन छात्र-छात्राओं के भविष्य पर तलवार लटकता दिख रहा है। श्री शुक्ल ने आगे कहा के पिछले साल ही झारखंड सरकार के स्कूली एवं साक्षरता विभाग के पत्रांक 1523 के अनुसार आने वाले तीन सालों में इंटरमीडिएट की सीटों को धीरे-धीरे काम करते हुए समाप्त करना है जिसके आलोक में झारखंड उच्च शिक्षा विभाग ने पत्रक संख्या 170 जारी कर पूरे राज्य के सभी विश्वविद्यालय को आदेश दिया था के धीरे-धीरे सीटों की संख्या में कमी लाते हुए 2 से 3 सालों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई को डिग्री कॉलेज से समाप्त किया जाएगा। परंतु रांची विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा यह तानाशाही फैसला छात्र-छात्राओं के भविष्य को अंधकार में धकेलने वाला है। वहीं मौक पर मौजूद रांची विश्वविद्यालय के उपाध्यक्ष आकाश नयन ने कहा की रांची विश्वविद्यालय के कुलपति के इस निर्णय से रांची समेत अन्य चार जिलों के गरीब छात्र-छात्राएं पढ़ाई से वंचित हो जाएंगे। छात्र आजसू के सदस्यों ने ज्ञापन के माध्यम से माननीय राज्यपाल सह कुलाधिपतिमहोदय से आग्रह किया इंटरमीडिएट की पढ़ाई को वैकल्पिक व्यवस्था तैयार होने तक पहले की तरह ही चलने दिया जाए।
झारखंड सरकार के उच्य तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक श्री रामविलास यादव ने कहा की हमे भी राज्य के गरीब छात्र छात्राओं के भविष्य की चिंता है, स्कूली शिक्षा विभाग से बात चल रही है सारे डेटा उपलब्ध होते के साथ ही इस वर्ष के लिए इंटरमीडिएट के नामांकन को चालू कर दियाजाएगा।