रांची विश्वविद्यालय में इंटरमीडिएट पढ़ाई बंद करने की निंदा

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रांची: अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) का प्रतिनिधिमंडल रांची विश्वविद्यालय के अध्यक्ष अभिषेक शुक्ला के नेतृत्व में रांची विश्वविद्यालय के कुलपति से मुलाकात कर उन्हें इंटरमीडिएट की पढ़ाई पहले की तरह सुचारू रूप से जारी रखने को लेकर मांग पत्र सौपा । मौके पर मौजूद रांची विश्वविद्यालय के अध्यक्ष अभिषेक शुक्ला ने कहा की राज्य की लगभग 50 से 70 प्रतिशत आबादी गरीबी या गरीबी रेखा के नीचे रूरल एरिया मैं मैं निवास करती है रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत पांच जिलों में स्थापित विभिन्न महाविद्यालय मैं इंटरमीडिएट की पढ़ाई होती है गरीब एवं निम्न वर्ग के छात्र-छात्राएं इंटरमीडिएट के पढ़ाई के लिए उन्हें महाविद्यालयों के आश्रित होते हैं ऐसे में रांची विश्वविद्यालय द्वारा यह तानाशाही फैसला छात्र हित के खिलाफ है। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा दिनांक 13/07/2023 को पत्रांक संख्या 170 जारी किया गया था जिसमे की साफ तौर पर यह उल्लेखित किया गया है 10 + 2 में नामांकन के लिए हर वर्ष सीटों की संख्या घटने हुए तथा वहां के शिक्षकों एवं कर्मचारियों का समायोजन करते हुए तीन या चार सालों में इंटरमीडिएट को डिग्री कॉलेजेस से हटा देना है। परंतु 1 साल बीत जाने के बावजूद राज्य सरकार एवं उच्च शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के समायोजन एवं छात्र-छात्राओं के लिए अलग इंटरमीडिएट कॉलेज की संपूर्ण व्यवस्था नहीं की गई है। मौके पर मौजूद पीजी विभाग के सचिव मनजीत कुमार साहू ने कहा की विश्वविद्यालय के तानाशाही रवैया को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा जरूरत पड़ी तो छात्र आजसू आंदोलन एवं तालेबंदी करेगी। मौके पर मौजूद रांची विश्वविद्यालय के कुलपति अजीत कुमार सिन्हा ने कहा की इस मामले से राजभवन उच्च शिक्षा विभाग को अवगत करा कर सोमवार को अंतिम निर्णय लिया जाएगा।