sunil Verma
रांची: भारतीय जनतंत्र मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष और रांची लोकसभा के प्रत्याशी धर्मेंद्र तिवारी ने कहा है कि वह शिक्षा को प्रोत्साहित करेंगे, प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाएंगे और ट्यूशन फीस, बस फीस, लेबोरेटरी फीस, फील्ड विजिट फीस, स्पोर्ट्स फीस के नाम पर अभिभावकों से चल रही लूट को हर हाल में रोकेंगे। यहां जारी एक बयान में धर्मेंद्र तिवारी ने कहा कि निजी स्कूलों को जिम्मेदार बनाया जाएगा। अधिकांश स्कूल अपने नाम को भुना रहे हैं। भांति-भांति के फीस लिये जा रहे हैं और पढ़ाई गायब। यह उनका अहम एजेंडा है कि पढ़ाई के नाम पर जो धन वसूली का खेल खेला जा रहा है, उसे रोका जाए। श्री तिवारी ने कहा कि ट्यूशन फीस, बस फीस, लेबोरेटरी फीस, फील्ड विजिट फीस, स्पोर्ट्स फीस के नाम पर हर माह बच्चों से सैकड़ों रुपये लिये जा रहे हैं। इससे बचना चाहिए। स्कूल कभी भी प्राफिट कमाने के लिए नहीं खोला जाता। यह अध्ययन केंद्र होता है, जहां गुजारा भर फीस लेने में कोई बुराई नहीं। लेकिन अगर स्कूल बिजनेस सेंटर बन जाएंगे तो बच्चों का होगा क्या। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों की स्थिति भी ठीक नहीं है। कहीं बच्चे नहीं तो कहीं शिक्षक नहीं। शिक्षक भी लापरवाही बरतते हैं। अपने अधिकार की बात तो करते हैं, कर्तव्य की बात भी उन्हें करनी चाहिए। पैसा भरपूर चाहिए लेकिन क्लास लेने के नाम पर छुट्टी ले लेते हैं। सेशन टाइम से नहीं है। आॅल इंडिया एक्रीडेशन के लिए जो शिक्षा की गुणवत्ता होनी चाहिए, वह झारखंड के कतिपय विश्वविद्यालयों में तो है ही नहीं। शिक्षकों का रोना लेकर लोग बैठे रहते हैं। जो योग्य लोग हैं, वह सड़कों पर चप्पल घिस रहे हैं। वो मूलत: लालफीताशाही के कारण अध्यापन से वंचित कर दिये गये हैं। श्री तिवारी ने कहा कि अगर रांची की जनता ने उन्हें मौका दिया तो वह पूरा प्रयास करेंगे कि केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर सरकारी और निजी स्कूलों का सिस्टम हो जाए। जैसे केंद्रीय विद्यालयों में गुणी शिक्षक होते हैं, फीस की कोई मारा-मारी नहीं होती, हर घंटी मनोयोग से पढ़ाई होती है, वैसी ही व्यवस्था वह भी लागू करना चाहेंगे ताकि पढ़ाई के प्रति बच्चों में एक मोटिवेशन पैदा हो और वे देश के लिए कुछ कर गुजरने की ठान सकें।