Ranchi: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यूं तो पिछले कई वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में कार्य हो रहे हैं. लेकिन मौजूदा वक्त में शिक्षा के महत्व को समझना हम सभी के लिए अत्यंत जरूरी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड जैसे राज्य में स्किल्ड और अनस्किल्ड मजदूर के रुप में ही लोग आगे बढ़ते रहे हैं. इस को ध्यान में रखकर हमारी सरकार ने यहां की शिक्षा स्तर को एक नई आयाम के साथ आगे बढ़ने का कार्य कर रही है. झारखंड की शिक्षा व्यवस्था को एक चुनौती के रूप में लिया है. अभी तो सिर्फ शुरुआत है आगे कई महत्वपूर्ण योजनाएं शिक्षा के क्षेत्र में जुड़ेंगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कई बड़े समूह राज्य सरकार के साथ जुड़ रहे हैं. ये समूह हमें शिक्षा व्यवस्था में सुधार हेतु पूरा सहयोग देंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द एक बड़ी संस्था अजीम प्रेमजी फाउंडेशन हमारे यहां के शिक्षकों और अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण देने का काम भी करेगी.
बच्चे-बच्चियों के हौसले को देना है पंख
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस समय में अध्ययनरत बच्चे-बच्चियों को आगे बढ़ने के लिए हौसला देने की आवश्यकता है. राज्य स्तर पर मेधावी टॉपर बच्चे-बच्चियों को राज्य सरकार प्रोत्साहन राशि के साथ-साथ अब लैपटॉप और मोबाइल भी देगी, जो गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा हेतु वर्तमान समय में आवश्यक है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब चयनित उत्कृष्ट विद्यालयों में भी कंप्टीशन कराया जाएगा. जिन विद्यालयों का परिणाम बेहतर होगा उन विद्यालयों के कर्मियों और बच्चों को देश के अन्य राज्यों का भ्रमण कराया जाएगा. अन्य राज्यों के स्कूलों में हमसे क्या बेहतर है हमारे बच्चे उसे देखेंगे और सीखेंगे.
क्वालिटी एजुकेशन के साथ-साथ पाठ्यक्रम में कला संस्कृति के विषय जुड़ेंगे
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन के साथ-साथ हमारे बच्चों को झारखंड की कला संस्कृति के संरक्षण हेतु प्रेरित करेगी और पाठ्यक्रम में नए विषयों के रूप में झारखंड की कला संस्कृति से संबंधित एक अलग विषय जोड़ा जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की भाषा, कला संस्कृति को आने वाली पीढ़ी भूले नहीं यह हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है. हमें अपने भाषा संस्कृति को अक्षुण्ण रखने की आवश्यकता सदैव रहेगी.
व्यवसायिक शिक्षा की शुरुआत की गई
राज्य के 80 उत्कृष्ट विद्यालयों में आधुनिक और सभी आवश्यक व्यवस्थाओं सहित पुस्तकालय की व्यवस्था की गई है. विद्यार्थियों के लिए उपयोगी पुस्तकें, दैनिक समाचार पत्र, प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकों के साथ-साथ पत्र-पत्रिका की व्यवस्था की गई है. विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रूझान विकसित करने और उनमें वैज्ञानिक सोच को आगे बढ़ाने के लिए राज्य के 80 उत्कृष्ट विद्यालयों में विज्ञान लैब की अधिष्ठापना की जा रही है. राज्य के 80 उत्कृष्ट विद्यालयों में आई. सी. टी. लैब के साथ-साथ स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की गई है. इसके माध्यम से हर दिन कम्प्यूटर की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और साथ ही ई-कैंट के माध्यम से विषयवार विशेष जानकारी प्राप्त कर रहे हैं. राज्य के 80 उत्कृष्ट विद्यालयों में विभिन्न ट्रेंड में व्यवसायिक शिक्षा की शुरुआत की गई है. इसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में अपनी रूचि अनुसार अपने हुनर को आगे बढ़ाना है ताकि भविष्य में वे अपने आजीविका को सहजता से आगे ले जा सके.
15 शिक्षकों को भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद से भी प्रशिक्षित किया गया
विद्यालय का उत्तरोत्तर विकास और उन्नयन विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा ही संभव है. विद्यालय प्रबंध समिति के सभी सदस्यों का विद्यालय के साथ बेहतर संबंध विद्यालयों को प्रगति की राह पर ले जाता है, इसमें संदेह नहीं है. समिति के सभी सदस्यों को निरंतर प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा सके. विद्यालयों के प्रभावी संचालन में प्रधानाध्यापक की भूमिका महत्त्वपूर्ण है. प्रधानाध्यापकों में नेतृत्व क्षमता के विकास हेतु राज्य में 80 उत्कृष्ट विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को भारतीय प्रबंधन संस्थान, रांची के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है. इस क्रम में 15 शिक्षकों को भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद से भी प्रशिक्षित किया गया है. उत्कृष्ट विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के प्रशिक्षण की भी योजना तैयार की गई है. शिक्षक के क्षमतावर्द्धन और आधुनिक विषयवस्तुओं से परिचित कराने हेतु राज्य के सभी 80 उत्कृष्ट विद्यालयों के शिक्षकों को आगामी ग्रीष्मावकाश में प्रशिक्षित करने की योजना तैयार की गई है.
राज्य का नाम रौशन करें
विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में खेलकूद की भूमिका महत्त्वपूर्ण है. हमारे विद्यार्थियों में खेलकूद के प्रति रूचि विकसित हो और वे राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक के विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेकर राज्य का नाम रौशन करे, इसके लिए उत्कृष्ट विद्यालयों में खेलकूद को महत्त्वपूर्ण अंग माना गया है, तथा सभी आवश्यक व्यवस्था की गई है.
मौके पर ये रहें मौजूद
इस अवसर पर वंदना डाडेल, प्रधान सचिव, मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, विभागीय सचिव के० रवि कुमार, माध्यमिक शिक्षा निदेशक सुनील कुमार, प्राथमिक शिक्षा निदेशक चंद्रशेखर, राज्य भर से पहुंचे 80 उत्कृष्ट विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं और अन्य लोग उपस्थित थे.