CM हेमंत पर ये कौन सी रिपोर्ट आ गई?

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भारत में करीब 80 करोड़ लोग ऐसे हैं जो राशन कार्डधारी हैं. मतलब ये भारत के वो गरीब लोग हैं जो अपने भोजन के लिए भी सरकार पर निर्भर हैं. दूसरी तरफ 12 अप्रैल को एडीआर(Association for democratic reforms) और (National Election Watch) ने एक रिपोर्ट जारी किया है. इस रिपोर्ट में भारत के 28 राज्य और 2 केंद्र शासित प्रदेशों  के सभी मुख्यमंत्री के पास कितनी संपत्ती है, इसकी जानकारी दी गई है. जहां एक तरफ जनता गरीबी से जूझ रही है. वहीं दूसरी तरफ 30 में से 29 मुख्यमंत्री ऐसे हैं जो करोड़पती हैं.

ADR और (National Election Watch)  के रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड के मुखिया हेमंत सोरेन के पास कुल 8.51 करोड़ की संपत्ती है. लेकिन उन पर 2 लाख रुपए का कर्ज भी है. हालांकि ये कर्ज उन्होंने किस चीज के लिए लिया है, इसकी जानकारी साझा नहीं की गई है. गौर कीजिएगा, जिसके पास 8 करोड़ से अधिक की संपत्ति हो, वह दो लाख का कर्ज लिए खुद को कर्जदार बता रहे हैं.

हेमंत सोरेन का बतौर मुख्यमंत्री ये दूसरा कार्यकाल है. हालांकि इससे पहले वो 2013 में मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन उस दौरान मात्र 1 साल 168 दिन तक ही उनका कार्यकाल रहा था.

इस रिपोर्ट में सभी मुख्यमंत्रियों के आपराधिक मामलों की सूची भी छपी है,  रिपोर्ट के मुताबिक हेमंत सोरेन पर दो आपराधीक मामले दर्ज हैं. इन दो मामलों में एक मामले में गंभीर धाराएं हैं. 2019 के हलफनामें में हेमंत सोरेन ने ये जानकारी मुहया कराई थी. उन पर आईपीसी (IPC)188, और  506 धारा के तहत मामला दर्ज है.

IPC की धारा 188 में कोई भी व्यक्ति ऐसे किसी आदेश का पालन नहीं करता है, जिसे एक लोकसेवक द्वारा जारी किया गया है तो ऐसे में उस व्यक्ति को भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 188 के अंतर्गत दण्डित किया जा सकता है।

वहीं धारा 506 के तहत जब कोई व्यक्ति आपराधिक धमकी के मामले में दोषी होता है तो उसे दो साल तक कारावास की सजा हो सकती है. या उसे जुर्माना भरना पड़ सकता है. ऐसे भी हो सकता है कि उस व्यक्ति को उसके अपराध के लिए कारावास भी जाना पड़ सकता है साथ ही जुर्माना भी भरना पड़ सकता है.

और धारा 506 का एक  दूसरा भाग भी है जिसमें  कोई व्यक्ति आग से जला के मारने की धमकी, हत्या की धमकी  या गंभीर चोट या किसी संपत्ति को नष्ट करने की धमकी देता है, तो उसे सात साल के लिए कारावास जाना पड़ सकता है या जुर्माना देना पड़ सकता है. या दोनो का भी प्रावधान है.

हालांकि 2019 का बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर और मामले दर्ज हुए हैं.

एडीआर की इस रिपोर्ट में सभी मुख्यमंत्रियों के शैक्षणिक योग्यता का भी जिक्र हैं. इसके मुताबिक हेमंत सोरेन ने 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की है. हालांकि हेमंत इस लिस्ट में अकेले नहीं हैं जो 12वीं पास हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और केरल मुख्यमंत्री  के पी विजयन भी केवल 12वीं पास हैं. वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मात्र 10वीं पास हैं.

चुनाव आयोग के समक्ष दायर हलफनामे के अनुसार हेमंत के दो भाई और एक बहन हैं। हालांकि उनके बड़े भाई दुर्गा सोरन का 2009 में निधन हो गया था. उनकी शैक्षणिक योग्यता पटना हाई स्कूल, पटना, बिहार से इंटरमीडिएट है।  हेमंत ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीआईटी मेसरा, रांची में दाखिला लिया, लेकिन पढ़ाई बीच में ही छोड़, बाहर हो गए।

एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच ने ये जानकारी सभी वर्तमान मुख्यमंत्रियों के चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग को दिए गए शपथ पत्र से प्राप्त किया है.

आपको बता दें, एडीआर की स्थापना 1999 में (IIM) अहमदाबाद के कुछ प्रोफेसरस् ने मिल कर किया था. सबसे पहली बार इन्होने दिल्ली हाई कोर्ट में पीआईएल (PIL) दायर कर चुनाव में खड़े सभी प्रत्याशी की क्रिमिनल, ऐजुकेशनल और फाईनेंशियल बैकग्राउंड की जानकारी  मांगी थी. इसके बाद 2002 और 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने ये अनिवार्य कर दिया कि चुनाव में खड़े होने वाले प्रत्याशियों को चुनाव से पहले ये निम्नलिखित जानकारी निर्वाचन आयोग को देना होगा.