Eksandeshlive Desk
रामगढ़ : टाटा स्टील फाउंडेशन ने तुमुंग में तीन दिवसीय आउटडोर लीडरशिप कैंप का शुभारंभ किया। इस वर्ष कैंप के लिए वेस्ट बोकारो से 46 युवाओं का चयन किया गया। जहां उन्हें जागरूकता कार्यशालाओं, करियर काउंसलिंग और रोमांचक गतिविधियों जैसे क्लाइंबिंग, राफ्टिंग और बोटिंग का अनुभव मिला। कैंप का शुभारंभ टाटा स्टील, वेस्ट बोकारो डिवीजन के कैपेसिटी एन्हांसमेंट प्रोजेक्ट के चीफ राजेश कुमार ने किया।
इस अवसर पर टाटा स्टील फाउंडेशन, वेस्ट बोकारो के यूनिट लीड आदित्य कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी एवं संगठन के सदस्य भी उपस्थित रहे। यह आउटडोर लीडरशिप कैंप प्रतिभागियों को उनकी रोजमर्रा की दिनचर्या से अलग हटकर खुद को तरोताजा करने के लिए आयोजित हुआ था। साथ ही नेतृत्व, विकास व नेटवर्किंग के महत्वपूर्ण पहलुओं पर केंद्रित होने का अवसर देता है। यह एक सुरक्षित और सहयोगी वातावरण में नए अवसरों की खोज करने में सहायक है। कैंप प्रतिभागियों को अपनी आंतरिक क्षमताओं, चुनौतियों और उन्हें पार करने की रणनीतियों को खुलकर साझा करने के लिए प्रेरित करता है। रोमांचक गतिविधियां टीमवर्क की भावना को मजबूत बनाती हैं, जिससे युवा और महिलाएं न केवल आत्मविश्वास हासिल करते हैं, बल्कि उद्यमिता और नए अवसरों से जुड़े नवीन विचारों पर मिलकर काम करने की प्रेरणा भी पाते हैं। 2015 में शुरू हुई इस पहल में अब तक अनेक युवा और महिलाओं ने हिस्सा लिया है। इसका सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव जागरूकता में बढ़ोतरी रहा है। जिससे कई युवाओं को अपने गांवों में बाल विवाह और समयपूर्व विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाने की शक्ति मिली है। इन आउटडोर लीडरशिप कैंपों के जरिए साझा सीख और अनुभवों ने उन्हें समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया है।
वित्तीय वर्ष 2023, 2024 और 2025 में कुल 400 युवाओं ने आउटडोर लीडरशिप कैंप का हिस्सा बनकर परस्पर सीखने और साझा अनुभवों से अपने व्यक्तित्व को निखारा। इस पहल ने न केवल नेतृत्व क्षमता को मजबूत किया बल्कि कई प्रतिभाओं के लिए नए रास्ते भी खोले।ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी सुनीता सोरेन की है, जो किशोरावस्था में प्रोजेक्ट रिश्ता से जुड़ी थीं। 2019 में जब उन्होंने आउटडोर लीडरशिप कैंप में भाग लिया, तो उनके जुनून और समर्पण ने उन्हें आगे बढ़ने की दिशा दिखाई। उनकी लगन और मेहनत ने उन्हें 2020 और 2023 में उत्तराखंड में आयोजित विशेष कैंप में आमंत्रित होने का अवसर दिलाया। इन अनुभवों ने न केवल उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया, बल्कि उनके भीतर एक प्रशिक्षक बनने की योग्यता भी विकसित की। अपनी निरंतर मेहनत और दृढ़ संकल्प के बल पर सुनीता ने खुद को साबित किया और अब वे टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन, तुमुंग में बतौर प्रशिक्षक अपनी नई भूमिका निभा रही हैं।