आदिवासियों के मौलिक अधिकारों का हनन कर रहा केंद्र : सुखदेव

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Eksandeshlive Desk

रांची : केंद्र सरकार जंगली पशुओं की गणना करती है, लेकिन वह आदिवासियों को धार्मिक आधार पर पहचान नहीं देना चाहती। सरकार हमारे पाहन और धर्मस्थलों को महत्व नहीं देना चाहती। आदिवासियों के प्रति घृणा का भाव रखती है। यह आरोप लोहरदगा सांसद सुखदेव भगत ने केंद्र सरकार पर शनिवार को कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता लगाया। मौके पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आदिवासियों के मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है। जनगणना लगातार होती रही है, जनगणना फॉर्म के कॉलम में अन्य धर्मों का कॉलम था जिसमें पूर्व में 90 लाख लोगों ने अन्य धर्म का कॉलम दर्ज किया था। इसमें से 50 लाख लोगों ने सरना धर्म लिखा था, लेकिन सुनियोजित षड्यंत्र के तहत आदिवासियों के धार्मिक अस्तित्व को मिटाने के लिए इस बार अन्य का कॉलम हटा दिया गया है।

कुंभकर्णी नींद में सोई है सरकार : भगत ने कहा कि आदिवासी प्रकृति के पुजारी हैं। पूरे देश में आदिवासियों की जनसंख्या 15 करोड़ 40 लाख है, जैन धर्मावलंबी की 80 लाख और बौद्ध धर्मावलंबी की दो करोड़ है, जो अल्पसंख्यक वर्ग से आते हैं। इन वर्गों के लिए अलग धर्म का कॉलम है, लेकिन विडंबना है कि सरकार ने प्रकृति पूजक आदिवासियों के धार्मिक पहचान आस्था और परंपरा को गौण कर दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 2014 के घोषणा पत्र में सरना धर्म कोड देने का वादा किया था और कांग्रेस इसके लिए संवेदनशील है। सरना धर्मकोड के बारे में 22 जुलाई 2024 को संसद में सवाल किया गया तो सरकार चुप रही। सरकार कुंभकर्णी नींद में सोई है। सबका साथ सबका विकास की बात करने वाली भाजपा सरकार आदिवासियों का विनाश चाहती है। भाजपा आदिवासी को आदिवासी नहीं बनवासी कहती है।

सरना धर्म कोड आवंटित किया जाए : कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि देश में जातिगत जनगणना की मांग करने पर भाजपा कहती थी जो जाति की बात करेगा उसे लात मिलेगी, लेकिन कांग्रेस के संघर्ष और राहुल जी के अडिग नेतृत्व ने भाजपा सरकार को झुकने पर विवश कर दिया। विपक्ष की ताकत के चलते जातिगत जनगणना होगी। अगर देश में जातिगत जनगणना होगी तो उसके पूर्व आदिवासियों को अलग सरना धर्म कोड आवंटित किया जाए। मौके पर पूर्व विधायक जयप्रकाश गुप्ता, प्रदेश प्रवक्ता सोनाल शांति, कमल ठाकुर, कार्यालय प्रभारी अभिलाष साहू,राजन वर्मा सहित अन्य उपस्थित थे।