Eksandeshlive Desk
लारनाका (साइप्रस) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीन देशों की महत्वपूर्ण यात्रा के पहले चरण में रविवार को साइप्रस पहुंचे। लारनाका अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने स्वयं प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलिडेस के विशेष निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 15-16 जून को साइप्रस की आधिकारिक द्विपक्षीय यात्रा पर हैं। यह यात्रा भारत और साइप्रस के बीच आर्थिक, निवेश, रक्षा और सांस्कृतिक साझेदारी को और प्रगाढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने साइप्रस पहुंचने पर ट्वीट किया, “साइप्रस पहुंच गया हूं। हवाई अड्डे पर मेरा स्वागत करने के विशेष सम्मान के लिए राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के प्रति आभार। यह यात्रा भारत-साइप्रस संबंधों को महत्वपूर्ण गति प्रदान करेगी, विशेष रूप से व्यापार, निवेश और अन्य क्षेत्रों में।”
तीन देशों की यात्रा पर प्रधानमंत्री मोदी : प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा तीन देशों को कवर कर रही है, जिसके अंतर्गत साइप्रस (15-16 जून) प्रवास के दौरान पीएम मोदी वहां के शीर्ष नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इसमें व्यापार, डिजिटल साझेदारी, ऊर्जा सहयोग, और समुद्री सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा प्रमुख रहेगी। दोनों देशों के बीच समझौतों पर भी हस्ताक्षर होने की संभावना है। इसके बाद, 16-17 जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कनाडा का दौरा करेंगे, जहां वो जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। इस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी जी-7 देशों के नेताओं, अन्य आमंत्रित आउटरीच देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के साथ महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। जिनमें ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और नवाचार, विशेष रूप से एआई-ऊर्जा संबंध और क्वांटम-संबंधी मुद्दे शामिल होंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री यहां कई द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। अपने दौरे के अंतिम चरण में पीएम मोदी, क्रोएशिया गणराज्य के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच के निमंत्रण पर 18 जून को क्रोएशिया की आधिकारिक यात्रा करेंगे। यहां प्रधानमंत्री प्लेंकोविच के साथ द्विपक्षीय चर्चा के अलावा मोदी क्रोएशिया के राष्ट्रपति जोरान मिलानोविच से भी मुलाकात करेंगे। क्रोएशिया की यात्रा यूरोपीय संघ में भागीदारों के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करेगी।