बेहतर प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से ही किसानों की आय बढ़ेगी: कुलपति

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Sunil Verma
रांची: बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एससी दुबे ने कहा है कि बेहतर प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से ही किसानों को गुणवत्तायुक्त उत्पाद मिलेगा, लागत में कमी आएगी तथा बेहतर लाभ होगा। कृषि उत्पादों के लाभकारी विपणन के लिए उत्पादों में पोषण संवर्धन, पोस्ट हार्वेस्ट चरण में न्यूनतम नुकसान तथा प्रोसेसिंग पर ध्यान देना होगा। कुलपति बीएयू की राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा दूरदर्शन झारखंड के सहयोग से ‘कृषि में प्रौद्योगिकी की भूमिका’ विषय पर आयोजित कैंपस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि जलवायु परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग क्षेत्र के लिए अलग-अलग फसलों का गुड एग्रीकल्चर प्रैक्टिस (गैप) तैयार करना होगा और किसानों को बताना होगा। आईसीएआर और कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा फसल उत्पादन एवं प्रबंधन सम्बन्धी तकनीकी जानकारी देने के लिए सैंकड़ो एप तैयार किए गए हैं, इनका इस्तेमाल करना चाहिए। मौसम परिवर्तन के प्रति सहिष्णु फसल प्रभेदों के विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए। जिन कीटनाशकों का प्रयोग जिन क्षेत्रों, फसलों और परिस्थितियों के लिए भारत सरकार द्वारा अनुमोदित है उन्हीं का प्रयोग संबंधित फसल पर करना चाहिए। इनका अविवेकपूर्ण इस्तेमाल अपराध की श्रेणी में आता है। कीटनाशकों के मिनिमम रेसिड्यू लेवल (एमआरएल) से युक्त उत्पाद को ही गुणवत्तायुक्त माना जाता है और दूसरे देशों में निर्यात के लिए केवल उन्हें ही अनुमति मिलती है।