बगैर किसी भेदभाव के निर्वाचन की प्रक्रिया में समान भागीदारी सबों का अधिकार : के० रवि कुमार

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Eksandeshlive Desk

राँची : राज्य के सभी दिव्यांग शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण, पचासी वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के मतदाता, गर्भवती महिलाओं एवं छोटे शिशुओं की माताओं को भी अन्य नागरिकों की तरह समान वैधानिक अधिकार प्राप्त है। चुनाव की प्रक्रिया इन्हें लोकतंत्र में समान रूप से अपनी भागीदारी निभाने का अवसर प्रदान करती है। अतएव इनके लिए अनिवार्यरूपेण हरेक मतदान केन्द्र पर सुलभ मतदान की व्यवस्था रखी जाए। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आज निर्वाचन सदन, धुर्वा, राँची के सभागार में राज्य के सभी जिलों से आए सभी समाज कल्याण पदाधिकारी एवं सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा के लिए ‘‘अपवर्जित समूहों के लिए सुगम मतदान’’ (Accessible Voting for Marginalised People) विषयक प्रशिक्षण सत्र को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में ऐसे नागरिकों को समान भागीदारी के लिए ‘भारत के संविधान’ का अनुच्छेद – 326, दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम – 2016, निर्वाचन संचालन नियमावली के नियम 49 एन के क्रम में भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावे मतदान प्रक्रिया में इनकी सुविधा के लिए डिजिटल तकनीकों के प्रयोग पर भी बल दिया गया है। राज्य के सभी जिला समाज कल्याण पदाधिकारी इसके लिए नोडल ऑफिसर बनाए गए हैं। उन्हें अपने स्तर से हरेक विधानसभाई निर्वाचन क्षेत्र के लिए सेक्टर ऑफिसर नामित कर गैर-राजनैतिक एवं निरपेक्ष स्वयंसेवी संगठनों, रेजिडेंट वेलफेयर संगठनों आदि की मदद से अपवर्जित समूह के योग्य नागरिकों के डोर टू डोर सर्वे, छूटे हुए अर्हता प्राप्त नागरिकों के नाम निर्वाचक सूची में दर्ज कराने तथा मतदान में इनकी सुगमता के लिए समयबद्ध रूप से काम करना है। अपवर्जित समूहों के ऐसे मतदाता जो मतदान केन्द्र तक स्वयं आने-जाने में अक्षम हों उन्हें मतदान केन्द्र पर आने-जाने की स्थानीय व्यवस्था के साथ-साथ मतदान केन्द्र में शेड, कुर्सी-बेंच, व्हील चेयर, स्वयंसेवकों की व्यवस्था पर विशेष ध्यान रखा जाना है साथ ही यदि अपवर्जित समूह के कोई मतदाता जो चुनाव सिंबल खुद नहीं पहचान पाएँ वहाँ मतदान केन्द्र के पीठासीन पदाधिकारी उन्हें सहायक के रूप में 18 वर्ष से कम आयु के किसी किशोर को वोटिंग हेतु साथ लिए जाने की अनुमति दे सकेंगे।

प्रशिक्षण सत्र में निःशक्तता आयुक्त श्री अभय नंदन अम्बष्ठ ने निःशक्तता आयोग द्वारा मतदाता के लिए किये जा रहे कार्यों के बारे में बताया। अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती नेहा अरोड़ा द्वारा मतदाता सूची एवं मतदान के बारे में बताया गया। उन्होंने बूथ अवेयरनेस ग्रुप, स्वीप कार्यक्रम, अच्छे कार्यों के लिए बीएलओ को सम्मानित करने आदि विषयों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। निदेशक समाज कल्याण विभाग श्री शशि प्रकाश झा द्वारा मतदान केंद्रों पर न्यूनतम सुविधा में पेयजल, बिजली, हेल्प.डेस्क, पोस्टर.साईनेज, रैंप, दिव्यांगजनों के लिए वॉलेंटियर की उपलब्धता के साथ-साथ मतदान केंद्रों पर बीएलओ की सहायता के लिए चयनित स्वंय सेवकों के प्रशिक्षण की जानकारी साझा की। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की ओएसडी श्रीमती गीता चौबे द्वारा मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाओं को उपलब्ध कराने एवं दिव्यांग/वयोवृद्ध मतदाताओं के लिए यातायात की सुविधा, वोलेंटियर्स एवं मेडिकल किट आदि विषयों पर विस्तृत रूप से चर्चा की। उप निर्वाचन पदाधिकारी मुख्यालय श्री संजय कुमार द्वारा सोशल मीडिया, सक्षम ऐप, निःशक्तता के लिए सोशल मीडिया के बारे में बिंदुबार जानकारी साझा की गयी।

प्रशिक्षण सत्र में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा बूथों पर न्यूनतम सुविधा उपलब्ध कराने संबंधित कराये गए राज्य स्तरीय सोशल ऑडिट सर्वे के समन्वयक श्री हलदार महतो ने इस सर्वे में प्राप्त महत्वपूर्ण विषयों पर बिंदुबार चर्चा की। साथ ही निःशक्तता के क्षेत्र में कार्य कर रहे स्वयं सेवी ग्रुप साईट सेवर्स की सपना सुरीन द्वारा मतदान के दौरान दिव्यांग मतदाताओं को आनेवाली संभावित कठिनाईयों एवं स्थानीय तौर पर उनके त्वरित निराकरण के संबंध में चर्चा की ।