भाजपा प्रत्याशी के जीत से मौन मतदाताओं क़ी ख़ुशी फुट पड़ी, कार्यकर्ताओं मे भारी उत्साह

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Eksandeshlive Desk

गोड्डा : गोड्डा लोक सभा मतगणना  परिणाम क़ी अंतिम जानकारी मिलते ही भाजपा प्रत्याशी डा0 निशिकांत दुबे  डेढ़ लाख सें भी ऊपर मतों सें चुनाव जीत गए और भाजपा समर्थको ने इस जीत पर डा 0 निशिकांत दुबे को शुभकामनाये और बधाइयाँ देने मे कोई  कोर कसर नहीं छोडी। अंतिम परिणाम  आते ही कार्यकर्ताओं मे और मतदाताओं मे ख़ुशी क़ी लहर फ़ैल गई। जो मतदाता मौन थे उनकी ख़ुशी भी फुट पड़ी और मुखरता के साथ चुनाव परिणाम पर संतोष ब्यक्त किया। एन डी ए क़ी सरकार भी बननी तय हुई और जनता ने मोदी के नेतृत्व पर मुहर तो लगाई परन्तु मोदी क़ी कुछ  नीतियों और वक्तव्यो पर असहमति भी जताई। 

मोदी के कुछ विवादस्पद घोषणा  जिसमे आरक्षण  पर विवादस्पद  बयान , बुजुर्गों को छलने क़ी कोशिश,,बेरोजगारो को कोई सार्थक सन्देश नहीं दे पाना, सामाजिक सौहार्द   का कोई सन्देश नहीं, टिकट के वितरण मे योग्य उम्मीदवारों का चयन नहीं करना, सांसदों के चेहरे पर समर्थन नहीं मिलना, धर्म  के आधार को फिर एक बार विपक्ष का जातिगत समीकरण द्वारा तोडना ऐसे कई मुद्दे हैं। अजित पवार जैसे गठबंधन के नेताओं पर अत्यधिक विश्वास करना आदि बहुत बातें हैं।

हिंदुत्व के मुद्दे कमजोर पड़े भ्रष्ट्रचार की परिभाषा गढ़ने मे भी नाकामयाब रहे।

सिर्फ सरकारी सेवा मे कार्यरत कर्मचारियों और पदाधिकारियों के वेतन और भत्ते बढ़ते रहे। सांसदों और विधायकों के साथ अन्य जनप्रतिनिधियों के वेतन भत्ते और सुविधाओं मे इजाफा होता रहा लेकिन आम जनता को इसका फायदा नहीं मिला।  प्रशासन मे ब्याप्त भ्रष्ट्रचार पर  नियंत्रण  नहीं, किसान सम्मान योजना आदि नरेगा, मनरेगा जो विकास कई जड़ हैं उन योजनाओं मे भ्रष्ट्रचार आज भी कायम है। जनता सिर्फ घोशनाओं सें खुश नहीं होती उन्हें धरातल पर क्या मिल क्या रहा है क्या दिख रहा है और क्या मिलने वाला है उसे देख कर खुश होते हैं। सरकार बनना ही था क्योंकि विपक्ष के पास मुद्दे नहीं थे फिर भी मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ नीचे गिरा। उनकी सभाओं रोड शॉ मे उमड़ी भीड़ सें ज्यादा विपक्ष के समर्थन मे जनता थी।कुछ 

परिणाम का आना शेष है लेकिन बहुत  मुद्दे हैं जिसपर् कई कड़े फैसले लेने पड़ेंगे साथ ही अपनी नितियाँ स्पस्ट करनी होंगी।