सेमिनार में उर्दू भाषा को बढ़ावा देने पर दिया गया जोर

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लोहरदगा: जिला अंतर्गत किस्को प्रखण्ड के नवाडीह मदरसा अल जमातुल अताईया तालिमी मिशन प्रांगण में रविवार को उर्दू जबान पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य रूप से अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य वारिस कुरैशी मौजूद थे। जबकि उद्घाटनकर्ता के रूप में उर्दू विकास मंच झारखंड के पदाधिकारी हाजी शकील अहमद द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। मौके पर मौके पर हाजी शकील अहमद ने कहा कि उर्दू द्वितीय राज्य भाषा है। उर्दू काफी सरल है। इसका इस्तेमाल सभी को करना चाहिए। कहा कि हिंदी और उर्दू दोनों एक ही मां की दो बहनें हैं। इन दोनों भाषाओं का एक दूसरे के साथ लेखनी में प्रयोग किया जाता है तो लेखनी काफी प्रभावशाली हो जाती है। कहा कि उर्दू के विकास को लेकर प्रशासनिक स्तर पर विशेष पहल करने की जरूरत है। उन्होंने सभी स्कूलों में उर्दू के नियमित शिक्षकों की नियुक्ति करने की मांग की। कार्यक्रम में भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन डिपार्टमेंट ऑफ हायर एजुकेशन नई दिल्ली के अंतर्गत नेशनल काउंसिल फॉर प्रमोशन आफ उर्दू लैंग्वेज का डिप्लोमा कोर्स सत्र 2021-22 के सफल 83 छात्र-छात्राओं के बीच सर्टिफिकेट वितरण किया गया। वहीं कार्यक्रम के दौरान उर्दू भाषा को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। जबकि मुख्य अतिथि ने अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य वारिस कुरैशी ने राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद के अंतर्गत उर्दू डिप्लोमा कराएं जाने की जमकर सराहना की। साथ ही आयोग से हर तरह का संभव दिलाने का भरोसा दिया। इसके अलावा उन्होंने उर्दू विषय पर कंपटीशन एवं तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित कराकर उर्दू लैंग्वेज को बढ़ावा देने की बात कही। वही कार्यक्रम का संचालन इनामुल अंसारी एवं समापन की घोषणा महबुल्ला अंसारी द्वारा की गई। मौके पर उर्दू विकास मंच के सचिव फिरोज राही, प्रोफेसर नईम साहब, प्रोफेसर अरशद मोमिन, शायरी इस्लाम परवेज रहमानी, तालीमी मिशन के सदर अतहर अंसारी, सेक्रेटरी मोहीबुल्लाह अंसारी, हाफिज व कारी रजाउल मुस्तफा, हाफिज अब्दुल, गुलाम मोहम्मद जेयाई, नवाडीह अंजुमन के सदर रौनक इबकबाल, रेयाजुल अंसारी, ज़ियाउल हक, अमीरुल्लाह, हुसैन अंसारी, गुलाम जिलानी सहित अन्य मौजूद थे।