नगर निगम व प्रखण्ड प्रशासन से उपेक्षित शिकार घाघरा स्वर्ण रेखा घाट

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पर्व के शुरू होने के बावजूद नहीं पहुंचे नगर निगम व स्थानीय प्रशासन
नामकुम : स्वर्ण रेखा नदी घाट घाघरा इन दिनों उपेक्षित है, जबकि घाघरा घाट के नदी के दोनों ओर नामकुम से 25 गांव व कॉलोनी व कुसई डोरण्डा, हिनू, अमेठिया नगर, मुहआटोली सहित अन्य जगहों छठव्रतियों पैदल व वाहन से पहुंचकर 35 वषों से छठ पूजा करते आ रहें हैं। लेकिन छठ पर्व शुरू हो चुका है, लेकिन घाघरा स्वर्णरेखा घाट में नगर निगम व स्थानीय प्रखण्ड प्रशासन अब तक झाकने तक नहीं पहुंचे हैं। वहीं आय दिन नगर निगम व प्रखण्ड प्रशासन घाटों का निरीक्षण कर रहें हैं। मामूल हो कि प्रखण्ड कार्यालय से मात्र दो किलोमीटर की दूरी व डोरण्डा से तीन किलोमीटर की दूरी घाघरा स्वर्णरेखा घाट स्थित है। प्रशासन के लापरहवा के कारण घाट पूरी तरह से कुवव्यस्था के कारण गंदगी से भरा-पड़ा हैं। समिति के अध्यक्ष अखिलेश यादव व बिमल घोष ने बताया कि स्वर्णरेखा घाट में पिछले 20 वर्षो से नवयुक संघ छठ पूजा समिति नामकुम कि ओर से बिद्युल सज्जा व अन्य सुविधा मुहैया, वॉलिंटियर कराती आ रही है, जबकि घाघरा घाट में छठ पर्व करने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचा करते थे। उन्होंने बताया कि नगर निगम व प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के द्वारा सभी घाटों का निरीक्षण कर वहां पर पूरी व्यवस्था करायी जा रही है, लेकिन छठ पर्व शुरू होने के बावजूद यहां पर कोई भी पदाधिकारी व्यवस्था को लेकर जायजा नहीं लिया। राज्यसभा सांसद प्रतिनिधि मनोज कुमार सिंह ने बताया कि स्वर्णरेखा घाट घाघरा में लोग करीब 35 वर्षो से करते आ रहें हैं, उक्त घाट में नामकुम और डोरण्डा हिनू सहित अन्य जगहों से हजारों की संख्या में छठ करने पहुंचा करते थे, लेकिन पुल निर्माण के समय पुरानी पुल छतिग्रस्त किया गया, लेकिन उसे वहीं पर छोड़ दिया गया है। नदी के घाटों पर जेसीबी से साफ-सफाई करायी जाना चाहिए।