Sunil Verma
रांची : कोयला मंत्रालय, भारत सरकार ने तीन-दिवसीय इंडिया मोबाइल कांग्रेस, नई दिल्ली में नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) के अमलोहरी ओसीपी में 5 जी प्रौद्योगिकी उपयोग मामलों के सफल जीवंत (लाइव) प्रदर्शन द्वारा अपनी तकनीकी कौशल का प्रदर्शन किया। एनसीएल के अमलोहरी ओसीपी में भारत के पहले निजी 5 जी नेटवर्क की संकल्पना एमपीडीआई द्वारा की गयी और इसकी तैनाती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस कांग्रेस में गणमान्य व्यक्तियों ने नई दिल्ली से एनसीएल के अमलोहरी ओसीपी के 5 जी सक्षम ड्रोन, एआई द्वारा संचालित कैमरा, वाहन ट्रैकिंग सिस्टम (वीटीएस) और मिशन क्रिटिकल वॉयस और वीडियों संचार के 5 जी उपयोग के समूचे मामलों (दृश्य प्रसारण) का अवलोकन किया। इस अवसर पर सचिव (कोयला) अमृत लाल मीणा, सचिव (दूरसंचार) डॉ0 नीरज मित्तल, अपर सचिव (कोयला) एम0 नागराजू, कोयला मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विस्मिता तेज, कोयला मंत्रालय के संयुक्त सचिव संजीव कुमार कस्सी, कोयला मंत्रालय के कोयला नियंत्रक और डीडीजी संतोष, कोल इंडिया के चेयरमैन पी0एम0 प्रसाद, कोयला मंत्रालय के सलाहकार (प्रोजेक्ट्स) आनंदजी प्रसाद, टीसीआईएल के निदेशक (प्रोजेक्ट्स) अरूण कुमार चौबे एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने पैवेलियन (मंडप) का दौरा किया और कोयला खदानों में 5 जी प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन की सराहना की। सीएमपीडीआई के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक मनोज कुमार एवं निदेशक (तकनीकी/ईएस) सतीश झा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने इस कांग्रेस में सीएमपीडीआई का प्रतिनिधित्व किया। उल्लेखनीय है कि 5 जी नेटवर्क विशाल खदान क्षेत्रों में निर्बाध संचालन और वास्तविक समय डेटा ट्रांसमिशन सुनिश्चित करता है। निरंतर निगरानी के माध्यम से वाहन के प्रदर्शन और सुरक्षा को अनुकूलित करता है। श्रमिकों की सुरक्षा और सम्पत्ति की सुरक्षा बढ़ाता है और बेहतर पर्यावरण निगरानी करता है जिसके परिणामस्वरूप कुशल सुरक्षा और कोयला उत्पादन होता है।