वार्षिकी : झारखंड के मुख्यमंत्री रहते हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी बनी देशव्यापी चर्चा

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Eksandeshlive Desk

रांची : झारखंड वर्ष 2024 में कई मामलों को लेकर देशव्यापी चर्चे में रहा। झारखंड के मुख्यमंत्री रहते हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी और इनके मंत्रिमंडल में शामिल कांग्रेस के दिग्गज नेता सह तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री मंत्री आलमगीर आलम की टेंडर घोटाले मामले में गिरफ्तारी भी सुर्खियों में रहा। इसी प्रकार विकास की दृष्टि से दिल्ली और मुंबई महानगरों की तर्ज पर बने कोटाटोली फ्लाई ओवर ने राज्य को सकारात्मक पहचान दिलाई।

साल 2024 की खास घटनाएं

-प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़गाई अंचल में 8.5 एकड़ जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। इसके पांच माह बाद 28 जून को झारखंड हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। हाई कोर्ट ने हेमंत सोरेन को यह कहते हुए जमानत दी कि उनके खिलाफ पुख्ता साक्ष्य नहीं हैं।

  • राज्य के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को ईडी ने उनके पीएस संजीव कुमार लाल के नौकर जहांगीर आलम के फ्लैट से लगभग 35 करोड़ रुपये बरामदगी मामले में 15 मई को पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में हैं।
  • कांटाटोली फ्लाइओवर आठ साल की जद्दोजहद के बाद कोकर के शांतिनगर से योगदा सत्संग आश्रम तक रांची का पहला कांटाटोली फ्लाइओवर बना। इसके निर्माण में 224.94 करोड़ रुपये खर्च हुए। इससे लोगों को सड़क जाम से निजात मिली।
  • झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) के 2025 पदों पर नियुक्ति के लिए एक दशक से प्रोसेस चल रहा है। इस साल 28 जनवरी को परीक्षा हुई। पेपर लीक के बाद परीक्षा रद्द करनी पड़ी। अभ्यर्थियों के उग्र प्रदर्शन के बाद जेएसएससी के चेयरमैन नीरज सिन्हा को इस्तीफा देना पड़ा। दूसरी बार सीजीएल के पदों पर नियुक्ति के लिए 21 और 22 सितंबर को परीक्षा हुई। इस बार अभ्यर्थी पेपर लीक समेत गड़बड़ियों को लेकर आंदोलन चला रहे हैं। विरोध के बीच सीजीएल परीक्षा की मेरिट लिस्ट जारी कर दी। पेपर लीक सहित अन्य गड़बड़ियों को लेकर झारखंड हाई कोर्ट ने सीजीएल परीक्षा के फाइनल रिजल्ट पर रोक लगा दी है। गत 16 दिसंबर को परीक्षा का विरोध कर रहे जेएलकेएम छात्र नेता देवेंद्रनाथ महतो पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था और हिरासत में ले लिया था।

इन आरोपितों को इस वर्ष मिली जमानत

इस वर्ष झारखंड हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के केस में जेल में बंद कई आरोपितों को जमानत की सुविधा प्रदान की है। ये भी इस वर्ष काफी चर्चा में रहा।

-साहेबगंज जिले में अवैध खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में प्रमुख अभियुक्त पंकज मिश्रा के लिए भी यह वर्ष अच्छा रहा। करीब 30 महीने से ज्यादा समय से जेल में बंद रहने के बाद इस वर्ष 21 अक्टूबर को हाई कोर्ट ने पंकज मिश्रा को जमानत दे दी है, जिसके बाद वह जेल से बाहर हैं।

-अवैध खनन और भूमि घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपित और झारखंड में पावर ब्रोकर के नाम से मशहूर प्रेम प्रकाश को भी इसी वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है, जिसके बाद वह जेल से बाहर हैं। प्रेम प्रकाश को लगभग 18 महीने जेल में रहने के बाद जमानत मिली।

-मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने राज्य में पहली गिरफ्तारी सीनियर आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की हुई थी। उन्हें एजेंसी ने मई 2022 में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से वह जेल की सलाखों में कैद थी लेकिन बीएनएस कानून के तहत उन्हें इसी महीने सात दिसंबर को जेल से रिहा किया गया। करीब 28 महीने जेल में रहने के बाद पूजा सिंघल जेल से बाहर आ पायी।

-झारखंड हाई कोर्ट से शराब घोटाला के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग करने के प्रमुख आरोपित योगेंद्र तिवारी को भी इस वर्ष जमानत मिली है। हाई कोर्ट ने योगेंद्र तिवारी को तीन सितम्बर को जमानत दी थी। ईडी ने योगेंद्र तिवारी को पिछले वर्ष अक्टूबर महीने में गिरफ्तार किया था।