बीते रविवार यानी 21 मई को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को बड़ी सफलता मिली. बता दें एनआईए ने झारखंड के प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के फरार स्वयंभू सुप्रीमो दिनेश गोप को गिरफ्तार कर लिया.दिनेश गोप को नई दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद उसे झारखंड लाया गया. फिलहाल दिनेश गोप रिमांड में है और एनआईए की टीम लगातार उससे पूछताछ कर रही है. पूछताछ में रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं. दिनेश गोप ने एनआईए को बताया कि वह अपने पैसे शेल कंपनियों में निवेश करता था. इस काम में उसकी पत्नियां भी उसके साथ थी.
दिनेश गोप ने एनआईए को बताया कि वह अपने लेवी के काले पैसों को कैसे सफेद करता था.उसने बताया कि- उसे लेवी में करोड़ो रुपए मिले, जिसे शेल कंपनियों और व्यवसायियों की मदद से खपाया. वह अपना भविष्य सुरक्षित करने के लिए कुछ व्यवसायियों का भी सहयोग ले रहा था, उसका मानना था कि व्यवसाय में लाभ होगा तो उसका शेयर भी भविष्य में मिलेगा.हालांकि उसे इसमें सफलता नहीं मिली. बता दें साल 2018 में एनआईए ने टेरर फंडिंग मामले में उसपर केस किया. उसके बाद से लेवी-रंगदारी के जरिए कमाई गई संपत्ति की पहचान व उसकी जब्ती की कार्रवाई हुई.
बताते चलें कि दिनेश गोप ने जिन शेल कंपनियों में लेवी के रुपये निवेश किया, उनमें मेसर्स शिव आदि शक्ति, मेसर्स शिव शक्ति समृद्धि इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स भव्य इंजीकॉन आदि शामिल हैं. ये कंपनियां दिनेश गोप के परिवार के सदस्यों के साथ पार्टनरशिप में संचालित हैं.