आशुतोष झा
काठमांडू: नेपाल में चीन ने सत्ता गठबंधन को तहस नहस करने में सफलता प्राप्त कर ली है। आज राजनीतिक घटनाक्रम उस वक्त बदले जब माओवादी केन्द्र के अध्यक्ष तथा प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल प्रचंड ने नेपाल की प्रतिनिधि सभा में प्रमुख प्रतिपक्ष दल नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एमाले) से नए सत्ता समीकरण बना लिए। नेपाली काँग्रेस तथा नेकपा (एकीकृत समाजवादी) को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। चीन विगत पन्द्रह महीने से जोर-आजमाइस में लगा हुआ था कि प्रचंड और केपी शर्मा ओली को हर हाल में मिला दिया जाय। चीन का यह सनसनीपूर्ण अभियान सफल हो गया है। चीन ने नेपाल में फिलवक्त अमेरिका और भारत को पटखनी दे दी है। सोमवार को आनन फानन में नवनिर्मित सत्ता गठबंधन के तीन मंत्रियों को शामिल किया गया है। नए सत्ता गठबंधन में माओवादी केन्द्र, नेकपा (एमाले), राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी तथा जनता समाजवादी पार्टी है। डॉ० सी के राउत के नेतृत्ववाली जनमत पार्टी भी नए सत्ता गठबंधन के साथ ही रहेगी। पुष्प कमल दहाल प्रचंड के सरकारी निवास बालुवाटार में अभी बैठक का दौर जारी है जहाँ नेकपा (एमाले) के नेता विष्णु पौडेल, रवि लामिछाने, वर्षमान पुन अनंत तथा उपेन्द्र यादव को उप प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने और अन्य विषयों पर मंथन चल रहा है। नेपाली काँग्रेस के एक प्रमुख नेता तथा प्रतिनिधि सभा सदस्य ने अब कहा है कि उनकी पार्टी अब प्रतिपक्षी दल की भूमिका निभायेगी तथा जनता के बीच नए सिरे से जायेंगे। मंत्रियों के बीच मंत्रालयों का बंटवारा सोमवार को नहीं हो सका। एक-दो दिन नेपाल की राजनीति के लिए काफी महत्वपूर्ण है।