Eksandesh Desk
चाईबासा/मंझारी : झारखंड सरकार खेल के क्षेत्र में युवाओं को सभी सुविधा प्रदान कर रही है। यह बातें मंझारी प्रखंड के आरआरटी मंझारी की ओर से गुरुवार को फाइनल मैच खेला गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में मझगांव विधानसभा के लोकप्रिय विधायक माननीय निरल पूर्ति ने कहा। उन्होंने कहा कि आज जिस प्रकार खिलाड़ियों ने मैदान में अपना प्रदर्शन दिखाया उससे लगता है कि ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिभा की कमी नहीं है। इस प्रतिभा को निखारने के लिए छोटे उम्र से ही अभ्यास, लगन, मेहनत की जरूरत होती है। इसी को देखते हुए झारखंड सरकार पंचायत स्तर से ही युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रतियोगिता का आयोजन कर रही है।
जिससे प्रतिभावान खिलाड़ी आगे निकलकर राज्य और राष्ट्र स्तर पर झारखंड का नाम रोशन कर सके। बीते दिनों ही चाईबासा के युवा टीम सुब्रत का फुटबॉल प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर मैच खेलने गई थी। उन सभी को सभी सुविधा झारखंड सरकार के द्वारा प्रदान किया गया। जब तक युवा आगे आकर अपने प्रतिभा नहीं दिखाएंगे तब तक वह आगे बढ़ नहीं सकते। इसलिए मैं युवाओं से अनुरोध करता हूं कि वह खेल को अपना भविष्य बनाकर आगे बढ़े मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन युवाओं के लिए रोजगार का नया द्वार खोल रही है। नौकरी, स्वरोजगार सभी क्षेत्र में मदद के लिए पूरी तरह तैयार है। जिस प्रकार वर्तमान समय झारखंड सरकार ने महिलाओं को सम्मान देने का निर्णय लिया है।
यह बहुत ही ऐतिहासिक कदम है। घर में बैठी महिलाओं को प्रत्येक माह 1000 प्रोत्साहन राशि दिया जा रहा है। जिससे वह अपनी हर जरूरत को पूरा कर सके। झारखंड सरकार ने दूसरे महीने का भी प्रोत्साहन राशि महिलाओं के खाता में भेज दिया है। हमें एक लक्ष्य लेकर आगे बढ़ाना है। ग्रामीण क्षेत्र के जो भी महिला माता बहने छूटी हुई हैं, उन्हें सम्मान राशि के लिए आवेदन भर कर प्रज्ञा केंद्र के माध्यम से जमा करें, तत्काल ही सरकार के द्वारा दी जाने वाली सहायता राशि मिलने लगेगी। अब तो 18 साल से लेकर 50 साल तक की मां-बहन को भी यह राशि के सुविधा दी जा रही है। मैं युवाओं से अनुरोध करता हूं कि वह सिर्फ खेल पर ही ध्यान दें, नशापन आदि से दूर रहें।
इस मौके पर इस मौके पर मंझारी प्रमुख सुशीला बारी, उप प्रमुख दमयंती बिरुवा, बीस सूत्री अध्यक्ष लाला राउत, पूर्व मुखिया अरविंद कुंकल, भरभरिया मुखिया सनातन बिरुवा, युवा मोर्चा प्रखंड अध्यक्ष विजय बारी, श्रीवंत बारीक, चन्द्रमोहन बिरुवा, श्रीराम सोरेन, रमेश चन्द्र बिरुवा, जम्बीरा बोयपाई, मंगल सिंह बिरुवा, अनिल कुमार चाम्पिया, कैरा सोय, बंगाली कुंकल, रामदास मुंडा समेत अन्य शामिल थे।