प्रभु श्रीराम के अस्तित्व को नकारने वालों को उनकी याद आ गई : प्रतुल शाह देव

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By sunil

रांची: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने मंगलवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा पर पलटवार कहते हुए इंडी गठबंधन को रामद्रोही करार दिया। प्रतुल ने कहा कि सितंबर 2007 में यूपीए की सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में एफिडेविट करके रामलला के अस्तित्व को नकारा था और रामायण को काल्पनिक ग्रंथ बताया था। प्रतुल ने कहा कि यूपीए के कार्यकाल में लंबे समय तक प्रभु श्रीराम टेंट में विराजमान रहे थे। प्रभु श्रीराम के मंदिर के उद्घाटन समारोह के न्योता को जिस इंडी गठबंधन के लोगों ने ठुकराया हो, आज उन्हें प्रभु श्रीराम याद आ रहे हैं। प्रभु श्रीराम उनके लिए आज तक कभी आस्था के प्रतीक नहीं रहे। प्रतुल ने कहा कि राम मंदिर में जल रिसाव की बात चार दिन पुरानी है। झामुमो को ये आज ज्ञान हुआ। राम मंदिर निर्माण समिति के आधिकारिक प्रवक्ता ने बयान देकर स्पष्ट किया कि नाली में अवरोध की समस्या के कारण आने का जमाव हो गया था, जिसे तीन घंटे के भीतर ठीक कर लिया गया। प्रतुल ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा बिना तथ्यों की तहकीकात किए हुए अनर्गल बयानबाजी कर रही है। प्रतुल ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा को बताना चाहिए कि उनके दल से जुड़े एक पूर्व मुख्यमंत्री ने मोरहाबादी में रावण दहन कार्यक्रम में जाने से क्यों इंकार कर दिया था? क्या उस कार्यक्रम में नहीं जाना प्रभु श्री राम का अपमान नहीं था? उन्होंने ऐसा कर के 140 करोड़ देशवासियों की भावनाओं को आहत किया था। प्रतुल ने कहा ये लोग सुविधा की राजनीति करते हैं। कभी उनके लिए रावण श्रेष्ठ हो जाता है, तो कभी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम याद आ जाते हैं। प्रतुल ने कहा कि दरअसल इस सरकार ने बालू घोटाला, कोयला घोटाला, पत्थर घोटाला, जमीन घोटाला, ट्रांसफर पोस्टिंग घोटाला, नौकरी घोटाला जैसे बड़े महा घोटाले किए हैं। इनके पाप का घड़ा भर गया है। अब ये प्रभु श्रीराम की शरण में जो जाने का नाटक कर रहे हैं, यह सिर्फ अपने भ्रष्टाचार से ध्यान हटाने की कवायद है।