NUTAN
लोहरदगा: अविराम कॉलेज ऑफ एजुकेशन, टिको, कुड़ू, लोहरदगा और वैश्विक संस्कृत मंच के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय ई संगोष्ठी का आयोजन महाकुंभ की वैज्ञानिकता एवम महात्म्य विषय पर ऑनलाइन माध्यम द्वारा किया गया जिसमे विशिष्ट वक्ता प्रसिद्ध विद्वान और रचनाकार वर्तमान में अध्यक्ष संस्कृत विभाग इलाहाबाद डिग्री कॉलेज से प्रो राजेंद्र त्रिपाठी “रसराज” रहे कुंभ शब्द की व्युत्पत्ति ऋग्वेद से लेकर पुराण तक में कुंभ का महात्म्य और ऋषियों द्वारा कैसे विद्वत सम्मेलन किए जाने की परिपाटी थी जिसमे भारद्वाज ऋषि के कार्यों और हजारों विद्यार्थी अध्ययनरत थे, ऋषि मुनि वैज्ञानिक तथा अनुसंधानकर्ता थे।कुंभ शब्द घट,पृथ्वी आदि अर्थ में प्रयुक्त होता है। कुंभ का महात्म्य अत्यधिक है परंतु यदि कोई इसमें कोई शशरीर उपस्थित नहीं हो पाता है तो ऐसे मंत्र है जिनका स्मरण करने से भी वही महात्म्य है। इस संगोष्ठी के प्रमार्श दाता ग्लोबल संस्कृत फोरम के सचिव डॉ राजेश कुमार मिश्र परामर्शदाता, अविराम के सचिव इंद्रजीत भारती विशिष्ट अतिथि, प्राचार्य डॉ प्रतिमा त्रिपाठी संयोजिका, आयोजक मंडल में झारखंड प्रांत से डॉ राणा प्रताप, शैलेश कुमार मिश्र, डॉ धनंजय, सुनील, प्रदीप, भारती प्रसाद, डॉ राहुल आदि रहे। कार्यक्रम का संचालन बीएड प्रशिक्षु नेवी तमा और सुषमा द्वारा किया गया।
इस संगोष्ठी में महाराष्ट्र, ओडिसा, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल,समेत दक्षिण भारत से अनेकों विद्वान और जिज्ञासु जुड़े तथा यू ट्यूब पर लाइव प्रसारण पर किया गया। समापन धन्यवाद ज्ञापन और डॉ प्रतिमा त्रिपाठी द्वारा शांति पाठ कर किया गया। फीडबैक भरने वालों को निशुल्क रूप से प्रमाण पत्र प्रदान किया जायेगा।