स्वामी विवेकानंद का जीवन भारत माता के गौरव और सम्मान का प्रतीक : राज्यपाल

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Eksandeshlive Desk

रांची : राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उनके जीवन और विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका जीवन भारत माता के गौरव और सम्मान का प्रतीक है। उनका व्यक्तित्व और उनके विचार आज भी हमारे समाज को प्रेरित करते हैं और हम सभी के लिए मार्गदर्शक हैं।

राज्यपाल रविवार को स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर रांची के बरियातू स्थित स्वयंसेवी संस्था विकास भारती बिशुनपुर के जरिये आयोजित ‘कला एवं सांस्कृतिक महोत्सव में बोल रहे थे। राज्यपाल ने सन् 1893 में शिकागो में हुए विश्व धार्मिक महासभा में स्वामी विवेकानंद के जरिये दिए गए ऐतिहासिक भाषण का उल्लेख किया, जिसने पूरी दुनिया को भारत की महान संस्कृति और मानवता के संदेश से अवगत कराया। राज्यपाल ने स्वामी विवेकानंद के उद्धरण ‘उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए’ काउल्लेख करते हुए कहा कि यह संदेश युवा शक्ति को प्रोत्साहित करता है।

राज्यपाल ने विकास भारती बिशुनपुर के सामाजिक कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था पद्मश्री अशोक भगत के नेतृत्व में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर प्रयासरत है और अपने कार्यों से समाज में विशिष्ट पहचान स्थापित की है। उन्होंने विकास भारती के सदस्यों को निःस्वार्थ सेवा के मार्ग पर चलते हुए लोक-कल्याण की दिशा में और भी सक्रियता से कार्य करने के लिए प्रेरित किया। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘स्टार्टअप इंडिया,’ ‘स्किल इंडिया’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलों ने युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उल्लेखनीय प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ का सपना तभी पूरा होगा जब हमारे युवा अपनी पूरी ऊर्जा और रचनात्मकता से देश के विकास में योगदान देंगे।राज्यपाल ने सभी से आह्वान किया कि स्वामी विवेकानंद के विचारों को आत्मसात करें और विकसित भारत में अपना योगदान दें। इस अवसर पर राज्यपाल ने संस्था द्वारा लगाए गए विभिन्न उत्पादों और प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।