विधायक रोशन लाल चौधरी ने सदन में विस्थापन के मुद्दे को उठाया

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बड़कागांव : विधानसभा सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को विधायक रोशन लाल चौधरी ने झारखंड विधानसभा में अपनी बातो को प्रमुखता से रखा। विधायक रोशनलाल चौधरी ने सदन में सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य में भू-अर्जन और विस्थापन को लेकर भू अर्जन अधिनियम 1894 कोल बीयरिंग एक्ट भू अर्जन एवं पुनर्स्थापन में उचित प्रतिकार एवं पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 तथा झारखंड स्वेच्छिक भू अर्जन अधिनियम 2010 लागू है । लेकिन इन अधिनियमों में भू अर्जन, पुनर्व्यवस्थापन, पुनर्वास, मुआवजा भुगतान की नीति अलग अलग रहने के कारण राज्य के मूलवासी आदिवासी को विस्थापन के बाद उचित पुनर्वास,पुनर्व्यवस्थापन मुआवजा भुगतान भी अलग अलग होता हैं । जिसके कारण विस्थापन के पश्चात एक दो पीढ़ी के बाद विस्थापितों के परिवार की स्थिति दयनीय हो जाती हैं । विस्थापितों के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए विस्थापन, पुनर्वास, पुनर्व्यवस्थापन को समरूप करते हुए विस्थापन,पुनर्वास, पुनर्व्यवस्थापन आयोग का गठन किया जाए ।
जवाब में क्या कहा परिवहन विभाग मंत्री दीपक बिरुवा ने सरकार के द्वारा राज्य विस्थापन आयोग का गठन किया जाएगा और नियमावली 2024 तैयार किया गया हैं । नियमावली अनुमोदन के प्राक्कलन प्रक्रियाधीन हैं । जिसका गठन 90 दिनों के अंदर कर लिया जाएगा । जबाव के बाद विधायक रोशन लाल चौधरी ने कहा मंत्री जी से मैने अनुरोध किया हैं कि चुकी पूरे झारखंड में लगभग 3200 गांव में 1200 गांव विस्थापित प्रभावित हैं, तथा मैं जिस विधानसभा क्षेत्र से आता हूं वहां लगभग 50% से भी अधिक क्षेत्र विस्थापित प्रभावित हैं । जितने भी अधिनियम 2013, 2010 का जिक्र हुआ हैं, सरकारी पदाधिकारी चाहे राज्य के हो या केंद्र सरकार, एन.टी.पी.सी. के किसी भी नियम का पालन नहीं होता हैं ।पालन कैसे हो सरकार इसे सुनिश्चित करें । पूर्व विधायक अंबा प्रसाद ने भी विस्थापन के मुद्दे को कई बार सदन में उठाया है आपको बता दें पूर्व विधायक अंबा प्रसाद ने भी विस्थापन के मुद्दे को कई बार सदन में उठाया है और विस्थापन नीति और विस्थापन आयोग गठन की मांग की है परंतु सरकार इस पर अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाई है जिससे विस्थापित और प्रभावित परिवार बुरी तरीके से ठगे जा रहे हैं l विस्थापन को लेकर के सरकार कुंभकरण की नींद सो रही l