Sunil Verma
रांची: आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि वर्तमान सरकार के कार्य नाकाम नीतियों और वादाखिलाफी पर पर पर्दा डालने का बस प्रयास है। प्रदेश के युवाओं को हर वर्ष जेपीएससी, शिक्षक बहाली समेत अन्य खाली पदों को भरने समेत एक साल में पांच लाख नौकरी देने का वादा किया था और अब तक युवाओं को कितनी नौकरियां मिली है, यह प्रदेश जानता है। उक्त बातें रांची स्थित उनके आवासीय कार्यालय में शुक्रवार को आयोजित मिलन समारोह में कही। इस दौरान वाय.बी.एन विश्वविद्यालय के चेयरमैन राम जी यादव, डॉ सुधीर यादव और ईचागढ़ से आए कई सामाजिक कार्यकतार्ओं ने पार्टी का दामन थामा। सुदेश कुमार महतो ने कहा कि मुख्यमंत्री प्राइवेट एजेंसी के द्वारा दी जा रही आॅफर लेटर को रोजगार मेले में बांट रहे हैं, जबकि यह काम जिले के उपायुक्त किया करते थे। इस तरह के रोजगार की बात इस सरकार ने अपने घोषण पत्र में नहीं किया था। इन्होंने प्रदेश के युवाओं को छाला है और उनके भविष्य को बर्बाद करने का काम किया है। आज जनता सरकार से स्थानीय नीति, नियोजन नीति, रोजगार पर जवाब मांग रही है और इनके पास कहने को कुछ भी नहीं है। पार्टी में शामिल हुए झारखंड के दोनों शिक्षाविदों का स्वागत करते हुए पार्टी अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा कि रामजी यादव और डॉ राजीव रंजन के लंबे शैक्षणिक अनुभव का लाभ पार्टी को मिलेगा। इनके साथ मिलकर हम प्रदेश के हर बच्चे को गुणवत्ता शिक्षा मिले इसके लिए काम करेंगे। झारखंड आंदोलन के समय से ही बौद्धिक रूप से और बौद्धिक लोगों के साथ हमारा संबंध रहा है। राजनीतिक हल निकालने के लिए सभी तबके के काबिल लोगों को राजनीति में आगे आने की जरूरत है। पार्टी की सदस्यता ग्रहण करते हुए वाय.बी.एन विश्वविद्यालय के चेयरमैन रामजी यादव ने कहा कि पिछले कई सालों से सुदेश के साथ जुड़ा हुआ हूँ। इनके विचारों से प्रभावित होकर आज औपचारिक तौर पर पार्टी में शामिल हुआ हूँ। पार्टी के साथ जुड़ कर सुदेश जी के नेतृत्व में शिक्षा के स्तर को ऊपर ले जाना मुख्य लक्ष्य है।
मिलन समारोह में आजसू पार्टी में शामिल हुए डॉ. सुधीर यादव ने कहा कि आजसू पार्टी और सुदेश महतो जी के मिशन और विजन से प्रभावित हो कर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। भविष्य में पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी उसे नि:स्वार्थ रूप से पूरी मेहनत के साथ निभाने का प्रयास करूंगा। इस दौरान आंदोलनकारी नेता डॉ देवशरण भगत, रविशंकर मौर्य, ब्रजमोहन कुमार मुख्य रूप से उपस्थित रहें।