Eksandesh Desk
हजारीबाग: राज्य प्रदूषण विभाग के तीन सदस्यों की जांच टीम मुफ्फसिल थाना क्षेत्र अंतर्गत डेमोटांड़ औद्योगिक क्षेत्र मोरंगी पहुंची। टीम में का नेतृत्व राज्य मुख्यालय के पदाधिकारी अनिल सक्सेना कर रहे थे जबकि टीम में प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय हजारीबाग के मनीष और रामगढ़ जिला के एक पदाधिकारी शामिल थे। टीम सरकारी जमीन पर बने तालाब और आसपास क्षेत्र का निरीक्षण किया। टीम के सदस्यों ने वीडियोग्राफी कराते जांच रिपोर्ट प्रदूषण नियंत्रण विभाग के सचिव को देने की बात कही। राज्य प्रदूषण विभाग के जांच टीम के सदस्यों ने सरकारी जमीन पर फ्लाई ऐश छिड़का हुआ पाया। जिस समय टीम निरीक्षण कर रही थी उस समय जेसीबी लगाकर फीलिंग कराया जा रहा था।
पूछताछ के क्रम में ग्रामीणों ने बताया कि रोज रात में फ्लाई ऐश को डंप किया जाता है फिर दिन भर सरकारी जमीन में फ्लाई एस का छिड़काव किया जा रहा है। टीम के अधिकारियों ने बताया कि फ्लाई ऐश मानव के लिए हानिकारक है यह हृदय रोग, दमा जैसी बीमारी को जन्म देता है। वही ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी जमीन पर फ्लाई ऐश गिराकर चारागाह को नष्ट किया जा रहा है। खाता संख्या 61 प्लॉट संख्या 205, रकवा दो एकड़ 25 डिसमिल जो पुरनी पोखर के नाम से विख्यात है। फ्लाई ऐश के डस्ट से तालाब का पानी गंदा हो रहा है। इसका ना कृषि कार्य में उपयोग किया जा रहा है और पशुओं के उपयोग लायक नहीं हैं। तालाब में फ्लाई ऐश भरकर स्वरूप बदल दिया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने प्राकृतिक जल संसाधन के साथ छेड़छाड़ करने पर सख्त पाबंदी लगा दी है। इसके बावजूद तालाब में डेढ़ से दो सौ फीट फ्लाई ऐश भर दिया गया है। यहां तक की सरकारी रिकॉर्ड में भी तालाब को ताड़ दिखाकर बिक्री कर दी गई है। शिकायतकर्ता सतीश नारायण दास ने कहा कि दिए गए आवेदन को वापस नहीं लेने पर जान माल की क्षति को पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने आशंका जाता है कि प्रदूषण विभाग की जांच के रिपोर्ट के बाद आरोपी और आक्रोशित है।