ग्रामीण क्षेत्रों में प्रज्ञा केंद्रों की संख्या बढ़ाएं, काम करने के तरीके पर भी रखें नजर : हेमंत सोरेन

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस बैठक में सीएम ने अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों के उपायुक्त ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक संख्या में प्रज्ञा केंद्र स्थापित करें. सभी गांवों में प्रज्ञा केंद्र संचालित करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों को छोटे-छोटे कार्यों के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर न लगाना पड़े इस सोच के साथ प्रज्ञा केंद्रों काम करें. आम जनता को जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, नया आधार कार्ड बनाने और आधार कार्ड में भूल सुधार आदि काम उनके नजदीकी प्रज्ञा केंद्र में ही समय पर उपलब्ध कराया जा सके.

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगले 3 महीने के अंदर राज्य के सभी प्रज्ञा केंद्रों में बिजली, पानी, जनरेटर, इंटरनेट कनेक्टिविटी और सिक्योरिटी सहित अन्य जरूरी सुविधा हर हाल में उपलब्ध कराई जाए. सभी प्रज्ञा केंद्रों के काम करने के तरीके में सुधार हो यह सुनिश्चित करें.

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी प्रज्ञा केंद्रों में कंप्यूटर की उपयोगिता सत प्रतिशत सुनिश्चित होनी चाहिए. प्रज्ञा केंद्रों में कंप्यूटर कार्यरत रहेगा तभी सभी प्रकार के प्रमाण पत्र बनाने में सहूलियत होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रज्ञा केंद्रों में बैंक से संबंधित काम और पोस्ट ऑफिस से संबंधित कार्यों की सुविधा भी सुनिश्चित कराई जाए.

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि राज्य के सभी पंचायत भवनों में प्रज्ञा केंद्र स्थापित होने चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में राज्य में लगभग 20 हजार प्रज्ञा केंद्र कार्यरत है. आने वाले दिनों में प्रज्ञा केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 35 हजार तक करने का काम करें. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि राज्य में कार्यरत सखी मंडल की महिलाएं भी प्रज्ञा केंद्र संचालित कर सकें इस निमित्त एक बेहतर कार्य योजना तैयार करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार डिजिटाइजेशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है. प्रज्ञा केंद्रों के बेहतर संचालन से ही डिजिटाइजेशन की सोच को साकार किया जा सकेगा.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पंचायतों को सशक्त करने के संकल्प के साथ योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम करें. पंचायती राज विभाग 15वें वित्त आयोग की राशि का उपयोग भी सुनिश्चित करें. योजनाओं को पूर्ण करने निमित्त 15वें वित्त आयोग से बैकअप सपोर्ट लें. पंचायती राज विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं का ससमय ऑडिट करने का कार्य भी सुनिश्चित की जाए.